देवेन्द्र गोरे, भोपाल। 2020 में कोरोना की पहली लहर में शेयर मार्केट बुरी तरह टूटा। मार्च में यह गिरकर 25 हजार तक आ गया। इस स्थिति में 45 मिनट के लिए लोअर सर्किट लगाकर कारोबार बंद किया गया। लेकिन, इस साल जनवरी से बाजार नई ऊंचाइयों के छूते हुए रिकॉर्ड बनाता गया। 21 जनवरी 2021 को इसने 50 हजार की ऊंचाई हासिल की तो शुक्रवार 24 सितंबर को यह 60,000 की
ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया। इसे 50 हजार से 60 हजार अंक तक पहुंचने में महज 166 सत्र लगे। सेंसेक्स के बढ़ने की यही रफ्तार रही तो जल्द ही यह 10,000 तक जा सकता है। हालांकि, अचानक मार्केट बढ़ने के पीछे की कुछ वजहें भी हैं।
जानकारों का कहना है कि एफडी में इंटरेस्ट रेट कम होने की वजह से मार्केट को नए इन्वेस्टर मिले हैं, इसलिए यह बढ़ रहा है। 9 महीनों में ही बढ़ते बाजार ने इन्वेस्टर्स को 25 फीसदी तक मुनाफा दिया है। जानकारों के मुताबिक भारत में असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 50 लाख करोड़ है। इसका 1 फीसदी यानी 50 हजार करोड़ भोपाल और इंदौर से है। उतना ही इक्विटी मार्केट में भी है। पीपुल्स समाचार ने सिटी के फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स से जाना कि बुल मार्केट इस समय ऊंचाई पर ही क्यों जा रहा है।
जीएसटी कलेक्शन, वैक्सीनेशन भी मार्केट को उठा रहे
- बैंक के पीई रिवर्स रेपो रेट कम होने के बाद बैंक के एफडी इंटरेस्ट रेट एक साल में कम हुए हैं। इस वजह से नए इन्वेस्टर्स शेयर मार्केट से जुड़े हैं और यहां अट्रैक्टिव इंटरेस्ट पर प्रॉफिट बुक कर रहे हैं।
- जीएसटीकलेक्शन महीने दर महीने एक लाख करोड़ से भी ज्यादा का हो रहा है। यह भी बड़ी वजह है।
- पोस्ट कोविड आउटडोर इकोनॉमी एक्टिविटीज की वजह से भी मार्केट ऊंचाई छू रहा है। वैक्सीनेशन हो जाने के बाद से होटल इंडस्ट्री, रेस्त्रां और मॉल खुलने लगे हैं इससे भी रेवेन्यू जेनेरेट हो रहा है, जिसका असर मार्केट पर पड़ा है।
- छोटे-छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक वैक्सीनेशन डिप्लॉयमेंट बढ़ा है।
- गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव दिया है, जिससे मेन्युफैक्चरिंग यूनिट्स फायदे में हैं। यह मुनाफा भी मार्केट बढ़ाने में मदद कर रहा है।
- भारतीय सरकार के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की बॉडी, फॉरेन रिजर्व बढ़ने की वजह से रुपया ताकतवर स्थिति में है।
- मार्केट में ज्यादा लिक्विडिटी होना भी इसका सबसे बड़ा कारण है।
- आईटी कंपनियों में डिजिटल इंडिया का पॉवर देखने को मिल रहा है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर रिलेटेड सेगमेंट में भी जबरदस्त ग्रोथ देखने को मिल रही है और साथ में कमोडिटी जैसे तांबा, स्टील और सीमेंट इनकी डिमांड और सप्लाई बढ़ने के कारण भी मार्केट बढ़ा है। (जैसा कि फाइनेंशियल एक्सपर्ट जवाहर केपी ने बताया)
सलाह : एक साथ किसी कंपनी में न लगाएं पैसे
मेरी उन सभी इन्वेस्टर्स को सलाह रहेगी कि अपने पोर्टफोलियो को एक्सपर्ट की निगरानी में हमेशा अपडेट करते रहें। लॉन्ग टर्म व्यू रखें। इकट्ठे पैसे किसी एक कंपनी में लगाने से बचे। कंपनी के बारे में जानकारी जरूर लें, ताकि इन्वेस्टमेंट होने के बाद नुकसान न हो। भारत में लोग सेविंग पर ज्यादा विश्वास करते हैं बजाए इन्वेस्टमेंट के। इस सेविंग को मार्केट में इन्वेस्टमेंट करना जरूरी है।
– जवाहर केपी, फाउंडर एंड सीईओ, इनहेंस मनी
इन नए शेयरों ने दिए 50% से 300% तक रिटर्न
रोसारी बॉयोटेक | |
लिस्टिंग डेट | 23 जुलाई 2020 |
इश्यू प्राइस | 425 रुपए |
करंट प्राइस | 1473 रुपए |
रिटर्न | 175% |
एंजेल ब्रोकिंग | |
लिस्टिंग डेट | 05 अक्टूबर 2020 |
इश्यू प्राइस | 306 रुपए |
करंट प्राइस | 1253 रुपए |
रिटर्न | 313.20% |
ग्लैंड फार्मा | |
लिस्टिंग डेट | 20 नवंबर 2020 |
इश्यू प्राइस | 1500 रुपए |
करंट प्राइस | 3838 रुपए |
रिटर्न | 110.93% |
बर्गर किंग | |
लिस्टिंग डेट | 14 दिसंबर 2020 |
इश्यू प्राइस | 60 रुपए |
करंट प्राइस | 158.90 रुपए |
रिटर्न | 141% |
हमेशा मार्केट फेवर में होगा ऐसा सोचना गलत
जब कोरोना की पहली लहर आई थी उस समय स्टॉक्स ओवर सेलिंग मोड में थे। मार्केट क्रैश हुआ और फिर उसके बाद नए इन्वेस्टर्स आना शुरू हुए, जिससे फर्क यह पड़ा कि मार्केट में फ्रेश मनी सर्कुलेट हुआ। साथ ही एफडी पर इंटरेस्ट कम होने की वजह से लोग शेयर मार्केट में पैसा लगाने लगे, जिससे उन्हें सालभर में डबल रिटर्न मिला। मार्केट इस समय बुल के फेवर में है, लेकिन हमेशा मार्केट फेवर में हो ऐसा सोचना गलत होगा।
– सीए हर्षित बंसल,फाइनेंशियल एक्सपर्ट