जबलपुरमध्य प्रदेश

लॉकडाउन में घरेलू प्रताड़ना झेल रहे पतियों का घटा 18 किलो तक वजन; राष्ट्रीय पुरुष आयोग की जून 2021 की रिपोर्ट, पुरुषों पर 36 % बढ़े हिंसा के मामले

जबलपुर। हमारे देश के कानून में पति के पास पत्नी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम जैसा कोई कानून नहीं है। पति हिंसा से संबंधित शिकायत करने जब थाने जाता है तो पुलिस द्वारा भी उसे ही गलत ठहराकर वापस घर भेज दिया जाता है। इस कारण पति के सामने पत्नी की प्रताड़ना झेलने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं होता है। जबलपुर में पत्नियों की इसी प्रताड़ना के शिकार दो पतियों का वजन 1 साल में 10 व 18 किग्रा कम हो गया है। यह दोनों मामले एसपी ऑफिस स्थित परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के लिए पेंडिंग हैं।

इस बारे में चौंकाने वाला खुलासा करने वाली राष्ट्रीय पुरुष आयोग समन्वय समिति दिल्ली द्वारा जून 2021 में जारी रिपोर्ट के अनुसार कोरोना लॉकडाउन 2020 के दौरान पुरुषों में 36 फीसदी घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं। वहीं पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए चलाए जा रहे तमाम परामर्श केंद्रों के आंकड़े भी इसका प्रमाण देते हैं। परिवार परामर्श केंद्र पहुंचने वाले मामलों में सबसे अधिक घरेलू हिंसा के मामले होते हैं, जिसमें करीब 40 फीसदी शिकायतें पुरुषों की हैं। काउंसलिंग के दौरान यह बात भी सामने आई है कि महिलाओं को तलाक ही एकमात्र विकल्प सूझता है, वहीं पुरुषों का काउंसलिंग पर अधिक जोर होता है।

पुरुष हेल्प लाइन पर लगातार आ रही शिकायतें

राष्ट्रीय पुरुष आयोग समन्वय समिति दिल्ली की वेबसाइट में पुरुष हेल्प लाइन नंबर में पहुंची शिकायतों की संख्या के आधार पर पिछले एक साल में देश भर से 10 हजार से अधिक शिकायतें पहुंची हैं। जिसमें 36 फीसदी शिकायतें पत्नियों द्वारा दी जाने वाली घरेलू हिंसा से संबंधित हैं। प्रताड़ना का कारण कोरोना काल में कई पुरुष काम छोड़कर घर पर बैठ गए हैं। वहीं कई वर्क फ्रॉम होम करने लगे हैं।

केस- 1

रामपुर निवासी 34 वर्षीय युवक के आवेदन के आधार पर कोविड के कारण उसकी नौकरी चली गई। मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब 9 लाख के सालाना पैकेज में काम करने वाले युवक को 2 लाख का पैकेज रास नहीं आया, जिसके कारण वह आज भी घर पर बेरोजगार बैठा है। पत्नी द्वारा दी जाने वाली प्रताड़ना के कारण उसका 10 किग्रा वजन कम हो गया है।

केस- 2

तेवर निवासी 42 वर्षीय युवक के अनुसार उसकी शादी 8 साल पहले हुई है। वह मल्टी नेशनल कंपनी में मैनेजर था। पत्नी प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका है। लॉकडाउन के दौरान उसकी कंपनी को लाखों रुपए का नुकसान हुआ। जिसके कारण कंपनी ने जबलपुर का ऑफिस बंद दिया। नौकरी छूटने के बाद से पत्नी द्वारा मानसिक प्रताड़ना देना शुरू हो गया। पत्नी की प्रताड़ना का शिकार पति का डेढ़ साल में 18 किग्रा वजन कम हो गया है।

कंपनियां बंद होने से बढ़ी बेरोजगारी और समस्याएं

कोरोना के कारण कई कंपनियां बंद हो गईं जिसके कारण लोग बेरोजगार हो गए। इससे घरों में विवाद की स्थिति बनना शुरू हुई। इस कारण घर में रहने वाले पुरुष घरेलू हिंसा का शिकार भी हुए हैं। लॉकडाउन के दौरान कई पुरुषों की शिकायतें परामर्श केंद्र पहुंची हैं। अंशुमन शुक्ला, काउंसलर, परामर्श केंद्र

कोरोना में नौकरी छूटने से बढ़े घरेलू झगडे़

कोरोना महामारी के दौरान कई लोगों की नौकरियां छूट गर्इं। जिसके कारण उनके मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार में घर के बेटे या पति को बेरोजगार देखकर परिवार की महिलाएं भी फ्रस्टेड हुर्इं, जो झगड़े का कारण बना। वहीं दूसरी ओर वर्क फार्म होम करने वाले पुरुषों के काम में महिलाओं द्वारा बार-बार दखल देना भी झगड़े की वजह बन सकती है। डॉ. नेहा होतानी, मनोचिकित्सक, विक्टोरिया अस्पताल

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