
जबलपुर। शहर के कुछ प्रमुख नाले पहले 100 से 125 फीट तक चौड़े थे, उन्हें 20 फीट का किया जाने से हर साल बारिश में शहर में कई जगह जलप्लावन हो रहा है। इसे देखते हुए जनप्रतिनिधियों का कहना था कि इन नालों को तोड़कर दोबारा बनाया जाना ही एकमात्र विकल्प है। यहां तक कि जब तक महापौर कांग्रेस में थे तो वे भी इन नालों को तोड़ने की बात कहते रहे,अब अलबत्ता भाजपा में आने के बाद इस बारे में वे कुछ नहीं कह रहे हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2010 में जबलपुर नगर निगम ने जल मल निकासी प्रोजेक्ट के तहत 374 करोड़ रुपए के कर्ज से शहर के सभी प्रमुख 5 और इनसे जुड़े सवा सौ नालों को कवर्ड करते हुए पक्का करने का काम शुरू किया था।
फैक्ट फाइल
- 374 करोड़ का था प्रोजेक्ट
- 125 नालों को किया गया पक्का व कवर्ड
- 05 मुख्य नाले शामिल
- 2010 से काम शुरू होकर 2013 में हुआ पूर्ण
- 80 प्रतिशत हुआ काम
जांच के बाद लेंगे निर्णय
जलप्लावन की वजह नालों का पक्कीकरण है। इसकी जांच के बाद ही निर्णय लिए जाएंगे। नालों की सफाई करवाई गई है, इसके बाद जलप्लावन नहीं होना चाहिए। -जगत बहादुर सिंह अन्नू,महापौर