दुनियाभर में हर साल 10 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ (International Human Rights Day 2021) मनाया जाता है। धरती पर रहने वाले हर व्यक्ति का एक मौलिक अधिकार है जिसके बारे में उन्हें पता होना चाहिए। मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक, और शिक्षा का अधिकार भी शामिल हैं। मानवाधिकार वे मूलभूत अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर प्रताड़ित नहीं किया जा सकता और उन्हें देने से वंचित नहीं किया जा सकता।
इस दिन का इतिहास
10 दिसंबर, 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी कर पहली बार मानवों के अधिकार के बारे में बात रखी थी। साल 1950 में संयुक्त राष्ट्र ने हर साल 10 दिसंबर को ‘विश्व मानवाधिकार दिवस’ मनाना तय किया। भारत में 28 सितंबर, 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में लाया गया और 12 अक्तूबर, 1993 को ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग’ का गठन किया गया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को घोषणा पत्र को मान्यता दिए जाने पर 10 दिसंबर का दिन मानवाधिकार दिवस के लिए निश्चित किया गया।
इसे मनाने का उद्देश्य
मानव अधिकार दिवस लोगों के सामाजिक, सांसकृतिक और भौतिक अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन के लिए संयुक्त राष्ट्र दुनिया के देशों को सभी लोगों के लिए समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
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कैसे मिली प्रेरणा
द्वितीय विश्व युद्ध में दुनिया में मानव अत्याचारों की पराकाष्ठा देखी थी। लाखों निर्दोष लोगों को घृणा की वजह से अमानवीय यातनाएं झेलनी पड़ी जिससे दुनिया दशकों तक नहीं उबर सकी थी। इसी लिए संयुक्त राष्ट्र ने मानव अधिकारों के लिए एक घोषणापत्र जारी किया जिससे दुनिया मानवता की रक्षा सुनिश्चित कर सके और सभी देश अमसानता, बहिष्कार और भेदभाव को खत्म करने के लिए काम कर सकें।
इस साल की थीम
साल 2021 के लिए संयुक्त राष्ट्र की थीम “समानता- असमानता को कम करना, मानव अधिकारों को आगे बढ़ाना’ है। यह थीम मानवाधिकार घोषणा पत्र की धारा एक से संबंधित है। जिसमें कहा गया है कि सभी मानव स्वतंत्र पैदा हुए हैं और उनकी समान गरिमा और अधिकार हैं।
ये हैं मानवाधिकार
मानवाधिकारों में जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार, गुलामी और यातना से मुक्ति का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार तथा काम व शिक्षा का अधिकार आदि शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूडीएचआर दुनिया में सबसे अधिक अनुवादित दस्तावेज है, जो 500 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध है। संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि 10 दिसंबर दुनियाभर में मानवाधिकारों के महत्व की पुष्टि करने का एक अवसर है।