पुष्पेन्द्र सिंह-भोपाल। मध्यप्रदेश में दो साल के भीतर 17 जिलों में करीब 1.41 लाख हेक्टेयर में अति घने वन घट गए। सबसे ज्यादा सिंगरौली में 253 वर्ग किलोमीटर घना वन कम हुआ है। इस संबंध की भारतीय वन सर्वेक्षण देहरादून की वर्ष 2023 की रिपोर्ट को आए दो सप्ताह बीत चुके हैं लेकिन आला अफसर कारणों को पता करने के नाम पर खामोश हैं। खराब परफॉर्मेंस वाले डीएफओ पर जिम्मेदारी तय नहीं की गई है।
प्रदेश में हर साल जुलाई-अगस्त में औसतन पांच करोड़ पौधे रोपे जा रहे हैं। बावजूद डेंसिटी फॉरेस्ट (जिसे अति घनत्व वन कहा जाता है) में गिरावट आई। अति घने वनों के लिए बालाघाट, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, मंडला, नर्मदापुरम, छतरपुर, पन्ना, सागर, सिंगरौली सहित तीन दर्जन वन मंडलों के नाम आते हैं। इन जिलों में पोस्टिंग कराने के लिए आईएफएस सबसे ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं।
अकेले मनरेगा के बजट से रोपे गए 34 लाख पौधे
वन विभाग की जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 से 2023-24 के बीच विभिन्न वन मंडलों में अकेले मनरेगा के बजट से 34.31 लाख पोधे रोपे गए और इसमें 24.38 करोड़ रुपए खर्च हुए। सबसे ज्यादा सीधी में 12.50 लाख पौधों के रोपने में 1.55 करोड़ रुपए खर्च हुए। बावजूद यहां मध्यम धनत्व वन क्षेत्र में 89.68 वर्ग किलोमीटर की कमी आई है। सतना में 2.93 लाख पौधे रोपने में 3.20 करोड़ रुपए खर्च हुए परंतु मध्यम घनत्व का वन 115 वर्ग किमी घट गया। हालांकि इस जिले में 28.45 वर्ग किमी अति घनत्व का वन बढ़ा है।
ये पांच जिले जहां डेंसिटी फॉरेस्ट ज्यादा घटा
जिला एरिया घटा (वर्ग किमी में)
सिंगरौली 253.33
बालाघाट 227.17
डिंडौरी 175.98
छिंदवाड़ा 101.84
नर्मदापुरम 91.904
दो साल में इस तरह घटा अति घनत्व वन (वीडीएफ)
वर्ष 2021 6,468.74
वर्ष 2023 5,056.77
अंतर 1,411.97
(वर्ग किमी यानि लगभग 1.41 लाख हेक्टेयर)
इन 17 जिलों में घटा घना वन
बालाघाट, बुरहानपुर, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, डिंडौरी, ग्वालियर, नर्मदापुरम, जबलपुर, कटनी, खरगोन, मंडला, गुना, नीमच, शिवपुरी, सिंगरौली, टीकमगढ़।
इन जिलों में घना वन बढ़ा
अति घनत्व वन, मध्यम घनत्व, ओपन फॉरेस्ट, बिखरा वन क्षेत्र आदि में 417.47 वर्ग किलोमीटर वन घनत्व बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार बैतूल, देवास, खंडवा , रायसेन, पन्ना, रीवा, श्योपुर, सिवनी , सीहोर और सतना में अति घना वन बढ़ा है।
जिन क्षेत्रों में वन घनत्व घटा है, वहां का परीक्षण कर रहे
यह सही है कि अति घनत्व वन क्षेत्र में दो साल के अंदर कमी आई है। लेकिन ओवर ऑल वन क्षेत्र बढ़ा है। फिर भी जहां वन कम हुआ है, वहां के कारणों को जाना जा रहा है। फिलहाल परीक्षण किया जा रहा है। जिन वन अफसरों का परफॉर्मेंस कमजोर रहा, उनसे सवाल किए जाएंगे। साथ ही वन घनत्व बढ़ाने का प्लान भी बनेगा। -असीम श्रीवास्तव, वन बल प्रमुख मध्यप्रदेश