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मप्र में कितने साक्षर, सरकार के पास नहीं कोई रिकॉर्ड, 14 साल पुराने डाटा से चला रहे काम

सवाल- पांच साल में कैसे पूरा होगा सौ-फीसदी साक्षरता का टारगेट

राजीव सोनी-भोपाल। सरकार के पास यह रिकार्ड नहीं है कि प्रदेश में कितने लोग साक्षर हैं। अलग-अलग आयु वर्ग की साक्षरता दर भी उपलब्ध नहीं। दरअसल, वर्ष 2011 के बाद देश में जनगणना ही नहीं हुई, इसलिए सरकार के पास साक्षरता संबंधी 14 साल पुराना ही रिकॉर्ड है। ऐसे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार अब सवाल ये है कि अगले 5 साल में सौ फीसदी साक्षरता हासिल करने का टारगेट कैसे पूरा होगा ।

प्रदेश में शिक्षा विभाग का अपना कोई सर्वे भी नहीं है। अनुमान के अनुसार मप्र का साक्षरता प्रतिशत 75-80 के बीच माना जा रहा है। मौजूद रिकार्ड के अनुसार 2011 की जनगणना के अनुसार मप्र की औसत साक्षरता दर 69.32 प्रतिशत है। विभाग द्वारा सैंपल सर्वे आदि की रिपोर्ट से मिले अनुमानित आंकड़ों का सहारा लिया जा रहा है।

वित्तीय, कानूनी और डिजिटल साक्षरता ना-मालूम

मप्र विधानसभा में भी इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने यह कहा कि 2011 के बाद जनगणना नहीं हुई इसलिए साक्षरता वृद्धि दर बताना संभव नहीं है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुसार 15 साल से अधिक आयु के निरक्षरों को बुनियादी साक्षरता एवं जीवन कौशल, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता और कानूनी साक्षरता आदि के लिए केंद्र सरकार ने कार्यक्रम चलाया हुआ है। लेकिन इसका भी सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। योजना का उद्देश्य है कि अगले 5 साल में सौ-फीसदी साक्षरता का देशव्यापी लक्ष्य हासिल करना है। अब ऐसे में यह टारगेट दूर की कौड़ी लगने लगा है।

महिलाओं में निरक्षरता ज्यादा

केंद्र सरकार द्वारा कराई गई जनगणना 2011 के अनुसार मप्र में महिला साक्षरता चिंताजनक पाई गई है। प्रदेश की लड़कियों में स्कूल जाने और पढ़ाई के प्रति रुझान कम पाया गया। प्रदेश की औसत साक्षरता दर 69.32 है। इसमें पुरुष साक्षरता 78.73 फीसदी और महिला साक्षरता दर 59.24 प्रतिशत आई थी।

जबलपुर और इंदौर साक्षरता में सबसे आगे, दर 81 फीसदी

शिक्षा का चिराग रोशन करने में जबलपुर और इंदौर जिले अव्वल हैं। सबसे साक्षर जिले के रूप में जबलपुर टॉप पर है। महाकोशल के इस जिले की कुल साक्षरता की दर 81.1 फीसदी सामने आई थी। हालांकि शिक्षा के मामले में प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर भी पीछे नहीं है। पुरुष साक्षरता में इंदौर ही शीर्ष पर रहा जहां की साक्षरता 80.87 प्रतिशत दर्ज हुई थी।

ताजा आंकड़े नहीं हैं

हां, यह सही है कि वर्ष 2011 के बाद जनगणना नहीं हुई इसलिए साक्षरता के ताजे आंकड़े उपलब्ध नहीं है। स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा के आंकड़े अलग-अलग रहेंगे। फिर भी प्रदेश की मौजूदा अनुमानित साक्षरता दर 75 से 80 फीसदी है। – अनुपम राजन, अतिरिक्त मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मप्र

साक्षरता की सही तस्वीर जरूरी

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे सामने अपने राज्य की साक्षरता दर की सही तस्वीर नहीं है। देश में 90 के दशक में चलाए गए साक्षरता अभियान में भी कई बुनियादी गलतियां हुई थीं। – अनिल सद्गोपाल शिक्षाविद्

अपडेट जानकारी नहीं मिली

साक्षरता दर की ताजा जानकारी के लिए मैंने भी सरकार से सवाल पूछा था लेकिन सरकार ने 2011 के बाद जनगणना न होने का कारण बताकर असमर्थता जता दी। साक्षरता दर का अपडेट होना जरूरी है। – अभिलाष पांडेय, भाजपा विधायक जबलपुर

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