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चुनावी शोर में दबकर रह गई बच्चों की पीड़ा : पांच माह से हॉस्टल में डला ताला, 60 मूक-बधिर बच्चे बाहर रहने को मजबूर; चार माह बाद हैं बोर्ड परीक्षाएं

रामचंद्र पांडेय, भोपाल। वे न सुन सकते हैं और न बोल सकते हैं। अपनी पीड़ा सिर्फ इशारों में ही व्यक्त कर सकते हैं। लेकिन, चुनावी शोर में उनकी पीड़ा शायद कहीं दब गई है। हम बात कर रहे हैं राजधानी के शाहजहानाबाद क्षेत्र स्थित परी बाजार में बने शासकीय मूक-बधिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के हॉस्टल की। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित इस हॉस्टल में पांच माह से ताला लगा है। इस कारण 100 सीट वाले इस हॉस्टल में रहने वाले 60 बच्चे परेशान हैं। मजबूरी में कुछ बच्चे अपने रिश्तेदारों के यहां रह रहे हैं, तो कुछ अप-डाउन कर रहे हैं। कई बच्चों ने तो स्कूल आना ही बंद कर दिया है। इसको लेकर मानव अधिकार आयोग और बाल आयोग ने संज्ञान लिया है।

नए एडमिशन भी नहीं

विद्यालय में लंबे समय से स्टाफ की कमी है। बचे स्टाफ की ड्यूटी चुनाव में लगी है। इस वजह से इस सत्र में हॉस्टल में नए एडमिशन ही नहीं हुए। पहले से जो रह रहे थे, उन्हें भी बाहर कर दिया गया। ये सभी छात्र कक्षा 1 से 12वीं तक के हैं। चार माह बाद बोर्ड परीक्षाएं भी हैं।

मानसिक अविकसित बच्चों का हॉस्टल चालू

परी बाजार स्थित स्पर्श भवन में दो स्कूल हैं। एक मूक-बधिर उमा विद्यालय व दूसरा मानसिक रूप से अविकसित बच्चों का आवासीय विद्यालय है। दूसरा हॉस्टल चालू है। इनमें 52 बच्चे दर्ज हैं और 22 हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।

चुनाव के बाद शुरू किया जाएगा छात्रावास

फिलहाल हॉस्टल नहीं चल रहा है। हॉस्टल के कई कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं और स्टाफ की कमी है। चुनाव के बाद छात्रावास शुरू कर दिया जाएगा।   – आरके सिंह, जेडी, भोपाल संभाग, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग

स्टाफ की कमी के बारे में हमारे द्वारा वरिष्ठ कार्यालय को जानकारी दी गई है। चुनाव के बाद हॉस्टल पूरी व्यवस्थाओं के साथ फिर शुरू हो जाएगा। – प्रभा सोमवंशी, अधीक्षिका, हैंडीकैप हॉस्टल, परी बाजार

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