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हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और हेलमेट मामले में हाईकोर्ट सख्त, 24 घंटे में परिवहन आयुक्त को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश

जबलपुर। वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने और हेलमेट की अनिवार्यता के मामले में हाईकोर्ट ने प्रदेश के परिवहन आयुक्त को 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश होने को कहा है। परिवहन विभाग द्वारा सुनवाई के दौरान कोर्ट में एक हलफनामा पेश करने के बाद भी आदेश का पूरी तरह पालन न होने पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की। चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगल पीठ ने मामले में परिवहन आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से तलब किया हैं। युगल पीठ ने कहा कि उनके उपस्थित न होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार को तय की है।

केवल 30 फीसदी वाहनों में लगी है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट

पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि परिवहन आयुक्त ने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाने के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अलावा पुलिस मुख्यालय के एडीजी ने दोपहिया वाहन सवारों के लिए हेलमेट तथा चार पहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाने के संबंध में भी आदेश जारी किए हैं। इसके लिए दो माह का विशेष चेकिंग अभियान चलाने के आदेश भी हुए हैं। वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट के लिए सरकार के आग्रह पर हाईकोर्ट ने 6 माह का समय भी प्रदान किया था। छह माह बीतने पर भी प्रदेश में सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट नहीं लग सकी, जिसके लिए परिवहन विभाग ने युगलपीठ से यह मोहलत बढ़ाने का आग्रह किया। हाईकोर्ट ने इस पर जमकर नाराजगी जताते हुए 24 घंटे के भीतर परिवहन आयुक्त को कोर्ट में पेश होकर जवाब देने का आदेश देते हुए कल ही मामले की सुनवाई करने का फैसला लिया। फिलहाल प्रदेश में चल रहे सभी वाहनों में से केवल 30 प्रतिशत वाहनों में ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लग पाई है।

यह है मामला

विधि की छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की ओर से सड़क दुर्घटना में हुई 2 व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। चीफ जस्टिस के निर्देश पर यह याचिका सुनवाई के लिए मुख्यपीठ में ट्रांसफर कर कर दी गई। याचिका में दावा किया गया कि दुर्घटना के समय बाइक चालक अगर हेलमेट लगाए होते, तो उनकी मौत नहीं होती। इसके साथ ही याचिका में दावा का गया कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण ही दोपहिया वाहन सवारों की जान जाती है। याचिका में कहा गया कि जब सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और मोटर व्हीकल एक्ट में हेलमेट लगाकर वाहन चलाने, चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट लगाने और सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना अनिवार्य है। जिसका प्रदेश में पालन नहीं हो रहा है।

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पेश किया था डाटा

मामले की पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से चालानी कार्रावाई का डाटा पेश किया था। जिस पर युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि सड़कों पर हेलमेट लगाकर वाहन चलाते लोग नजर नहीं आते हैं। ऐसे में कागजी नहीं मैदानी कार्रवाई करनी चाहिए। युगलपीठ ने उस समय सरकार पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट भी लगाई थी।

(इनपुट– मुकेश झा)

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