
नई दिल्ली। भारत में छतों पर सौर ऊर्जा इकाई लगाने के मामले में इसकी स्थापना की ऊंची लागत और कुशल कार्यबल की कमी प्रमुख बाधा है। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है। ल्यूमिनस पावर टेक्नोलॉजीज की यह सर्वेक्षण रिपोर्ट देश के पांच महानगरों और आठ शहरों के 4,318 प्रतिभागियों के आधार पर तैयार की गई है। ‘सोलर स्पेक्ट्रम आॅफ न्यू इंडिया’ सर्वेक्षण के लगभग 90 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सौर पैनल लगाने में विशेष कौशल की जरूरत को स्वीकार किया, जबकि 45 प्रतिशत प्रतिभागियों का मानना है कि इसके लिए स्थानीय स्तर पर कुशल श्रम उपलब्ध नहीं है। रिपोर्ट कहती है, भारत में सौर ऊर्जा को अपनाने में शीर्ष बाधाओं के तौर पर विशेष रूप से कौशल की कमी, अनुमानित लागत प्रभाव और पहुंच हैं। सौर पैनल, बैटरी और इन्वर्टर के निर्माण में सक्रिय कंपनी के अध्ययन से पता चलता है कि करीब 59 प्रतिशत लोग ऊंची शुरुआती स्थापना लागत को लेकर चिंतित हैं।
घरों में सोलर सिस्टम लगाने के लिए भारत सरकार ने अनुदान की व्यवस्था की है। इसमें सरकार हितग्राही को 30 हजार रुपए से लेकर 78 हजार रु. तक की सब्सिडी दे रही है। यूनिट लगाने के लिए 50 से ज्यादा कंपनियों को अधिकृत किया है। ये कंपनियां 5 वर्ष तक सोलर सिस्टम की देखरेख भी करती हैं। – मनु श्रीवास्तव, एसीएस, ऊर्जा विभाग, मप्र