नई दिल्ली। प्रमोशन में आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की। इस सुनवाई में मप्र सहित दूसरे राज्यों ने अपना पक्ष रखा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य इस मामले में दो सप्ताह में अपना पक्ष रखें और यह भी कहा कि अब इस मामले में आगे सुनवाई नहीं होगी। कोर्ट अपना फैसला 10 अक्टूबर को सुनाएगा। 5 अक्टूबर से केंद्र और राज्य सरकारों को पक्ष रखने के लिए दिए जाएंगे।
क्या कहा कोर्ट ने
मामले की सुनवाई में जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय बेंच ने कहा कि यह मामला कई सालों से लंबित होने के कारण कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है। अब इस मामले में तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी।
प्रदेश में क्या था पदोन्नति का नियम
पदोन्नति नियम 2002 के तहत मध्य प्रदेश में अधिकारियों-कर्मचारियों की पदोन्नति होती थी। 2016 में हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। अनुसूचित जाति-जनजाति को दिए जा रहे प्रमोशन में आरक्षण की वजह से आनारक्षित वर्ग अधिकार प्रभावित हो रहे थे जिसको लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। इन याचिकाओं में पदोन्नति के नियमों को चुनौती दी गई थी। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 2016 में प्रमोशन में आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया था।