
भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा में मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन का महत्वपूर्ण पड़ाव अगले एक-दो दिन में पूरा होने को है। भाजपा संगठन के करीब दो दर्जन से अधिक जिलों में मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न हो गई। भाजपा संगठन में महिला सशक्तिकरण के बड़े-बड़े दावों के बीच राजधानी भोपाल का निर्वाचन चौंकाने वाला रहा। मंत्री कृष्णा गौर के गोविंदपुरा क्षेत्र से एकमात्र महिला अध्यक्ष निर्वाचित हुई है। अन्य पुरुष विधायकों के क्षेत्र में महिलाओं को मौका नहीं मिल पाया। 31 मंडलों में से केवल मिसरोद में मोनिका ठाकुर मंडल अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं।
प्रदेश भाजपा सूत्रों का कहना है कि मंडल अध्यक्षों का निर्वाचन निर्धारित शेड्यूल के अनुसार चल रहा है। संसद सत्र चलने और लोकसभा-राज्यसभा का व्हिप जारी होने के कारण कुछ जिलों में गतिरोध आया है। सभी जिलों के निर्वाचन अधिकारी और प्रभारियों को प्रक्रिया पूरी होते ही सूची जारी करने को कहा गया है। राजधानी भोपाल के एक दर्जन मंडलों में पुराने अध्यक्षों पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है। इनमें कई अध्यक्ष क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के करीबी बताए जा रहे हैं।
ट्राइबल जिलों में 3 को मौका
बालाघाट जिले ने संगठन में तुलनात्मक रूप से महिला सशक्तिकरण में बड़ी भूमिका अदा की है। इस ट्राइबल जिले के 37 में से 3 मंडलों में महिला अध्यक्ष चुन कर आई हैं। इनमें किरनापुर से मीना नन्हे बहेकार, गढ़ी में सोनाली कुशराम और मिरगपुर मंडल में दिपेश्वरी लिल्हारे अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं। इसी तरह मंडला जिले ने भी एक मंडल में महिला को अध्यक्ष पद की कमान सौंपी है।
अब होगा जिलाध्यक्षों का निर्वाचन, यहां बढ़ सकती है महिलाओं की संख्या
भाजपा के प्रदेश मंत्री एवं निर्वाचन प्रक्रिया के सह प्रभारी रजनीश अग्रवाल ने बताया कि संसद सत्र और व्हिप (अनिवार्य उपस्थिति के लिए) जारी होने के कारण निर्वाचन प्रक्रिया में कुछ गतिरोध आया है। लेकिन सभी मंडलों में निर्वाचन प्रक्रिया तेजी से चल रही है। उन्होंने बताया कि भोपाल सहित कुछ अन्य जिलों में भी महिलाएं निर्वाचित हुई हैं। एक-दो दिन में निर्वाचन संपन्न होने के बाद अधिकृत सूची उपलब्ध हो जाएगी। भाजपा संगठन ने मंडलों के लिए 15 दिसंबर तक निर्वाचन का टारगेट दिया है। इसके बाद 31 दिसंबर तक संगठन के सभी 60 जिलों में जिलाध्यक्षों का निर्वाचन किया जाना है।
कांग्रेस का निर्णय- 33 प्रतिशत महिलाएं नहीं तो कमेटी निरस्त
प्रदेश कांग्रेस ने नवंबर में हुई संगठन की बैठक में तय किया है कि जिला और तहसील स्तर पर गठित होने वाली कमेटियों में महिलाओं की 33 प्रतिशत हिस्सेदारी अनिवार्य होगी। प्रदेश नेतृत्व ने चेतावनी भी दी है कि अगर तय संख्या में महिला कार्यकर्ताओं को कमेटी में नहीं रखा गया तो लिस्ट निरस्त कर दी जाएगी। कांग्रेस के इस निर्णय के बाद भाजपा ने भी संगठन में महिलाओं को स्थान देने की रणनीति बनाई है। उधर, कांग्रेस संगठन ने पदाधिकारियों को जिला और संभाग स्तर के प्रभार भी सौंपे हैं। प्रदेश मीडिया कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश नायक ने बताया कि सभी प्रभारी जिलों में सक्रिय हैं और दौरे करते हुए सक्रिय तथा निष्ठावान कार्यकर्ताओं की पहचान कर रहे हैं।