
तीन दिवसीय प्रवास पर ग्वालियर आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अनुसूचित जाति वर्ग के जनप्रतिनिधियों और आम लोगों के कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने ऐसी बात कह दी की उनकी कट्टर समर्थक इमरती देवी के आंसू निकल पड़े। बाद में सिंधिया ने उनको संभाला। जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।
केंद्रीय मंत्री बोले- अगर मैं ना भी रहूं…
बता दें कि ग्वालियर की श्याम वाटिका में अनुसूचित जाति वर्ग के एक कार्यक्रम में शनिवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे थे। उनके साथ उनकी कट्टर समर्थक मानी जाने वालीं इमरती देवी भी साथ थीं। दोनों खाने की टेबल पर थे। सिंधिया अन्य कार्यकर्ताओं से चर्चा कर रहे थे।
#ग्वालियर : अनुसूचित जाति के लोगों की एक बैठक में केंद्रीय मंत्री #ज्योतिरादित्य_सिंधिया ने कहा कि अगर मैं ना भी रहूं तब भी आपके समाज के उत्थान के लिए हमेशा काम होते रहेंगे। यह बात सुनकर पूर्व मंत्री #इमरती_देवी की आंखों में आंसू निकल पड़े। देखें #VIDEO@ImartiDevi @JM_Scindia pic.twitter.com/0F5NUsqiyd
— Peoples Samachar (@psamachar1) September 11, 2022
इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर मैं ना भी रहूं तब भी आपके समाज के उत्थान के लिए हमेशा काम होते रहेंगे। सिंधिया की इन बातों को सुनकर पूर्व मंत्री इमरती देवी की आंखों से आंसू छलकने लगे। उसके बाद भीगी आंखों से इमरती देवी ने कहा कि महाराज! कभी ऐसा मत बोलना। और आंखों से आंसू बहने लगीं। उसके बाद सिंधिया ने इमरती देवी का हाथ पकड़कर हौसला बढ़ाया। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है।

एक ही प्लेट में खाया खाना
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने अनुसूचित जाति वर्ग के जनप्रतिनिधियों और आम लोगों के कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम के बाद सिंधिया ने अपने हाथों से अनुसूचित जाति के लोगों को खाना परोसा। वहीं, सिंधिया ने जाटव समाज के एक व्यक्ति के साथ एक ही प्लेट में खाना भी खाया। मीडिया से बातचीत करते हुए सिंधिया ने कहा कि हमारी परंपरा है, हम पहले दूसरों को खाना खिलाते हैं, फिर खुद खाना खाते हैं, उसी परंपरा का निर्वहन मैंने किया है।
अलग-अलग जाति वर्ग के साथ ले रहे बैठक
बता दें कि तीन दिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंचे केंद्रीय मंत्री सिंधिया इस समय लगातार अलग-अलग संगठनों के साथ बैठकें कर रहे हैं। इसी कड़ी में श्याम वाटिका में अनुसूचित जाति वर्ग की बैठक में उन्होंने हिस्सा लिया। दरअसल, इस समय ग्वालियर-चंबल अंचल में जातीय ध्रुवीकरण की राजनीति जोरों पर है। यहां ओबीसी, एससी-एसटी और संवर्ण वर्ग के बीच लगातार बयानबाजी और विरोध दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के सभी बड़े नेता ग्वालियर में अलग-अलग जाति वर्ग की बैठक लेने में लगे हुए हैं।