
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सैफ अली खान को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, भोपाल में सैफ अली खान की 15 हजार करोड़ की संपत्ति पर सरकार कब्जा कर सकती है। कोर्ट ने उनकी संपत्ति पर लगी स्टे को हटा दिया है। केंद्र सरकार पटौदी परिवार की इस संपत्ति को शत्रु अधिनियम 1968 के तहत अपने कब्जे में ले सकती है।
सैफ की भोपाल-रायसेन संपत्ति पर हो सकता कब्जा
सैफ अली खान पर हमला होने के बाद मंगलवार को ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए हैं। अब कोर्ट ने उन्हें एक और बड़ा झटका दे दिया है। दरअसल, सैफ अली खान की भोपाल-रायसेन में स्थित संपत्ति फ्लैग स्टाफ हाउस, नूर-उस-सबा पैलेस, दार-उस-सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफिजा को सरकार अपने कब्जे में ले सकती है। बता दें कि फ्लैग स्टाफ हाउस में सैफ ने अपना बचपन गुजारा है। इस संपत्ति की कीमत करीब 15 हजार करोड़ रुपए है।
शत्रु अधिनियम के तहत आती है संपत्ति
शत्रु अधिनियम 1968 उन लोगों को संबोधित करता हैं कि जो लोग 1947 के भारत पाकिस्तान बंटवारे में अपनी संपत्ति छोड़कर पाकिस्तान चले गए। पटौदी परिवार का संपत्ति भी इसी एक्ट के तहत आती है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने साल 2015 में इस मामले की सुनवाई शुरू की थी। दरअसल मुंबई की एक Enemy Property Custodian Office ने भोपाल के नवाब की जमीन को सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया था। पटौदी फैमिली को नोटिस भी जारी किया गया।
जवाब में सैफ अली खान ने इस नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी और संपत्ति पर स्टे ले लिया। पिछले साल 13 दिसंबर को एमपी हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने सैफ की याचिका खारिज करते हुए, अपील दायर करने के लिए 30 दिन का समय दिया था। सैफ और परिवार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। हालांकि सैफ के पास फैसले को चुनौती देने का मौका है।
बंटवारे के बाद पाकिस्तान में बस गई थी आबिदा
भोपाल रियासत के आखिरी नबाव हमीदुल्लाह खान रहे। उनकी तीन बेटियां थीं। जिसमें उनकी एक बेटी आबिदा सुल्तान 1950 में पाकिस्तान चली गईं। दूसरी बेटी साजिदा भारत में ही रही। उनकी शादी सैफ अली खान के दादा नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी से हुई थी। साल 2019 में सरकार ने साजिदा सुल्तान को उत्तराधिकारी के रूप में मान्यता दी। संपत्ति का एक हिस्सा सैफ अली खान को मिला। आबिदा के पाकिस्तान बसने के वजह से ही संपत्ति शत्रु अधिनियम के दायरे में आती है।