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आगजनी के बाद रेनोवेट नहीं होने से खंडहर बन रहे सरकारी भवन, किराए के भवनों में चल रहे दफ्तर

हर माह लाखों रुपए दे रहे किराया, लापरवाही इतनी कि धुएं से काली दीवारों को साफ नहीं किया

अशोक गौतम-भोपाल। पिछले तीन-चार सालों में कई सरकारी ऑफिसों में आग लगी। ज्यादातर मामलों में आग लगने की वजह शार्ट सर्किट बताई गई। अब इन भवनों के हाल ये हैं कि इन्हें अभी तक रेनोवेट नहीं किए गए जिससे ये खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं। विभागों की उदासीनता इस कदर है कि इन भवनों से आग के धुएं से काली हुई दीवार तक को साफ नहीं किया।

आग लगने के बाद कार्यालय इधर-उधर किराए के भवनों में लग रहे हैं। इससे ऑफिस संचालन के लिए हर माह लाखों रुपए किराया देना पड़ रहा है। सरकार ने वल्लभ भवन, सतपुड़ा भवन में आगजनी की घटना होने के बाद भी आग की घटनाओं को रोकने के लिए कोई कठोर गाइड लाइन तय नहीं की। इसी का नतीजा है कि अभी कुछ दिन पहले ही लोकायुक्त कार्यालय में आग लगी। फायर सेμटी एक्ट एक साल पहले आना था, लेकिन यह अभी विचाराधीन ही है।

                              भोपाल के इन भवनों में लगी आग

मंत्रालय: 9 मार्च 2024

वल्लभ भवन में 9 मार्च 2024 को सुबह आग लग गई। इससे मंत्रालय की पुरानी बिल्डिंग की तीन मंजिल इसकी चपेट में आ गईं। इससे गृह, जीएडी, मंत्रियों के कक्ष, सीएम स्वेच्छा अनुदान सहित कई कार्यालयों के दस्तावेज जल गए।

सतपुड़ा भवन: 12 जून 2023

आदिम जाति कल्याण विभाग में शार्ट सर्किट होने से आग लगी थी। आगजनी में आदिम जाति कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग की फाइलें, फर्नीचर जले। स्वास्थ विभाग का संचालनालय अब किराए से भवनों में चल रहा है।

नान: 27 जनवरी 2023

पयार्वास भवन के तीसरी मंजिल में स्थित खाद्य एवं आपूर्ति निगम (नान) के ऑफिस में आग लगी थीं। इसका अभी तक रेनोवेशन नहीं हो पाया है। निगम का ऑफिस पत्रकार कॉलोनी स्थित सामाजिक न्याय विभाग के कार्यालय में लग रहा है।

पंचानन भवन: 2 नवंबर 2020

इस 6 मंजिला भवन में टॉप फ्लोर में आग लगी थी। चार साल बाद भी यह फ्लोर वैसा ही है जैसा आग लगने के बाद था। इस भवन में लगने वाले मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम के कार्यालय को चौथी मंजिल में शिफ्ट कर दिया गया है।

फायर ड्रिल भी संदेह के घेरे में

वल्लभ भवन में लगी आग ने प्रशासन के दावों की पोल खोल दी थी। दरअसल वल्लभ भवन में आगजनी के महज 20 दिन पहले ही फायर ड्रिल हुआ था। इसमें सब कुछ ठीक दिखा था। ड्रिल के दौरान अधिकारी वहां के व्यवस्था से संतुष्ट दिखे। 20 दिन बाद आग लग गई। इसके अलावा दूसरी सबसे बड़ी खामी सीसीटीवी कैमरों को लेकर भी सामने आई थी। जिस मंजिल पर आग लगी, वहां पर सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हुए थे।

2020 से पहले 6 साल में 14 आगजनी की घटनाएं

  • 25 जून 2012: सतपुड़ा भवन के तकनीकी शिक्षा विभाग में आग लगी।
  • 1 नवंबर 2012: वल्लभ भवन में तकनीकी विभाग में आग लगी।
  • 25 नवंबर 2013: मंत्रालय के भीमनगर स्थित गोदाम में आग लगी।
  • 28 नवंबर 2013: विंध्याचल भवन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास के स्थापना व बजट सेक्शन में आगजनी लग गई।
  • 23 नवंबर 2014: भोपाल कलेक्ट्रेट कार्यालय के रिकार्ड रूम में आग ।
  • 04 अक्टूबर 2015: विध्यांचल भवन स्थित पांचवीं मंजिल पर कृषि विभाग में आग, बीज घोटाले की फाइलें जलीं।
  • 7 नवंबर 2015 : खाद्य विभाग में।
  • 10 जनवरी 2016: पीएचई व पीडब्ल्यूडी की पांच हजार फाइलें जलकर खाक।
  • 23 मार्च 2016: मुख्यमंत्री सचिवालय के एक कक्ष में आग लगी।
  • 24 मार्च 2016: सीएम ऑफिस के रिकार्ड रूम में आग।
  • 24 मार्च 2016: सचिवालय में आग।
  • 27 मार्च 2016 : सीएम ऑफिस में जली फाइलों का ऑडिट भी जला ।
  • 14 दिसंबर 2018: सतपुड़ा भवन में आग लगी थी।

जिम्मेदार बोले-जल्द शुरू होगा रेनोवेशन का काम

वल्लभ भवन के रेनोवेशन का काम जल्द प्रारंभ किया जाएगा। आचार संहिता के चलते इनके निर्माण के लिए टेंडर के लिए अनुमति लेने में समय लगा है, अब जल्द ही इसका निर्माण किया जाएगा। -मनीष रस्तोगी, पीएस, जीएडी

सतपुड़ा भवन के नए सिरे से निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही काम शुरू किया जाएगा। -एआर सिंह,सचिव, लोक निर्माण विभाग

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