Shivani Gupta
17 Sep 2025
पुष्पेन्द्र सिंह-भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार का वर्ष 2024-25 का बजट लगभग तैयार है। बीते मंगलवार को कैबिनेट ने प्रेजेंटेंशन के बाद इसे हरी झंडी भी दे दी। एक जुलाई से प्रारंभ हो रहे विधानसभा सत्र में तीन जुलाई को बजट पेश होगा। बजट भाजपा के संकल्प पत्र को ध्यान में रखते हुए ‘सबका विकास’ थीम पर रहेगा। इसमें महिलाओं, किसानों और अधोसंरचना के साथ बड़ा फोकस सिंहस्थ-2028 पर रहेगा।
बजट में मुख्यमंत्री की अधिकांश घोषणाएं शामिल की गई हैं। इनमें एक बड़ा ऐलान दुग्ध उत्पादकों को प्रति लीटर पांच रुपए बोनस देना शामिल है। सरकार एक साल में पचास हजार नौकरियां देने का भी ऐलान कर सकती है। वहीं लाड़ली बहनों की मासिक सहायता राशि 1,250 से बढ़ाकर 1,500 रुपए हो सकती है।
प्रदेश का बजट 3.75 लाख करोड़ के आसपास रहने का अनुमान है। पिछला बजट 3.21 लाख करोड़ का था। कुल बजट का लगभग आधा हिस्सा हितग्राहीमूलक योजनाओं, सिंचाई परियोजनाओं और अधोसंरचना विकास के नाम पर होगा। सिंहस्थ 2028 के लिए प्रारंभिक तौर पर 20 हजार करोड़ की योजना है, इसलिए पहले साल 8 हजार करोड़ तक का अनुमान हो सकता है।
1.31 करोड़ बहनों के लिए 1,500 रु. प्रति माह के मान से 19 हजार करोड़ का प्रावधान संभव है। लाड़ली बहनों के लिए आवास, 500 रु. में गैस सिलेंडर, लखपति दीदी आदि के लिए और पांच हजार करोड़ रुपए की राशि तय हो सकती है।
मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना में वित्तीय सहायता 1 लाख 43 हजार रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए करना, कक्षा 6वीं से 12वीं तक पहुंचने वाली लाड़ली लक्ष्मी को पढ़ाई के लिए राशि दोगुना करने के संकल्प पर मंथन चल रहा है।
भाजपा के संकल्प पत्र के अनुसार सरकार बोनस सहित गेहूं 2,700 रुपए और धान 3,100 रुपए प्रति क्विंटल के मान से खरीदने का निर्णय ले सकती है। अभी सरकार ने गेहूं की एमएसीपी बोनस सहित 2,400 रुपए और धान की लगभग 2,200 रु. तय की है। सीएम किसान सम्मान निधि यथावत रहेगी। इसमें 9 हजार करोड़ से अधिक का प्रावधान हो सकता है।
सरकार ने पिछले बजट में अधोसंरचना विकास पर 58 हजार करोड़ से अधिक का बजट रखा था। इस बार यह अनुमान 75 हजार करोड़ तक पहुंच सकता है। 13 सांस्कृतिक लोकों का निर्माण और सिंहस्थ के लिए नए काम प्रारंभ करने पर भी फोकस रहेगा।
सरकार विधायकों के क्षेत्रों को चमकाने पर विशेष जोर दे रही है। जैसे शहडोल में रिंग रोड निर्माण, जबलपुर में झूला पुल, नीमच में बायपास, अशोकनगर में करीला माता मंदिर तक सड़क निर्माण, उज्जैनजावरा के बीच ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे आदि।