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गुलाम नबी ने नई पार्टी का किया ऐलान, ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ रखा नाम; बोले- हमारी किसी से कोई राजनीतिक दुश्मनी…

कांग्रेस से किनारा कर चुके जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी ऐलान कर दिया है। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा है। आजाद ने बताया- मेरी नई पार्टी के लिए लगभग 1,500 नाम हमें उर्दू, संस्कृत में भेजे गए थे। हिंदी और उर्दू का मिश्रण ‘हिन्दुस्तानी’ है। हम चाहते हैं कि नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो। इसलिए पार्टी का ये नाम तय हुआ।

उनके नाम की तरह होगी पार्टी की विचारधारा

उन्होंने कहा कि पार्टी की विचारधारा उनके नाम की तरह होगी और इसमें सभी धर्मनिरपेक्ष लोग शामिल हो सकते हैं। वह पार्टी का एजेंडा भी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। इसमें जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना, भूमि व नौकरियों के अधिकार स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षित करने के लिए संघर्ष जारी रखना आदि शामिल है।

हमारी किसी से राजनीतिक दुश्मनी नहीं

उन्होंने कहा कि, हमारी सोच को कोई पार्टी प्रभावित नहीं कर सकती। हमारी पार्टी की विचारधारा गांधी की विचारधारा है। हमारी नीतियां जाति और धर्म से प्रेरित नहीं होगी, हम सभी पार्टियों की इज्जत करते हैं। हमारी किसी से राजनीतिक दुश्मनी नहीं है। हमें अपनी बात करनी है और किसी भी नेता के खिलाफ नहीं बोलना।

26 अगस्त को दिया था कांग्रेस से इस्तीफा

73 साल के गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था। आजाद के इस्तीफे के बाद एक पूर्व उपमुख्यमंत्री, 8 पूर्व मंत्री, एक पूर्व सांसद, 9 विधायकों के अलावा बड़ी संख्या में पंचायती राज संस्थान के सदस्यों, जम्मू-कश्मीर के नगर निगम पार्षद और जमीनी स्तर के कई कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।

जी-23 ग्रुप का हिस्सा थे गुलाम नबी आजाद

गुलाम नबी आजाद लंबे वक्त से कांग्रेस से नाराज थे। वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे। जी-23 गुट कांग्रेस में लगातार कई बदलाव की मांग करता रहा है। इससे पहले कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें सपा ने राज्यसभा भी भेजा है। गुलाम नबी आजाद कांग्रेस का बड़ा चेहरा माने जाते रहे हैं, पूर्व में वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं।

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आजाद का राजनीतिक करियर

  • गुलाम नबी आजाद 1970 के दशक से कांग्रेस से जुड़े, वे 1975 में जम्मू कश्मीर यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे।
  • 1980 में उन्होंने यूथ कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था, वे पहली बार 1980 में महाराष्ट्र के वाशिम से लोकसभा चुनाव जीते थे।
  • 1982 में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया था, वे 1984 में भी इसी सीट से जीते।
  • आजाद 1990-1996 तक महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद रहे, वे नरसिम्हा राव की सरकार में भी मंत्री रहे।
  • 1996 से 2006 तक वे जम्मू कश्मीर से राज्यसभा पहुंचे। 2005 में जम्मू कश्मीर के सीएम भी बने। हालांकि, 2008 में पीडीपी ने कांग्रेस से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद आजाद की सरकार गिर गई थी।
  • आजाद मनमोहन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। 2014 में आजाद को राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया था। 2015 में उन्हें जम्मू कश्मीर से राज्यसभा भेजा गया था।
  • आजाद का राज्यसभा का कार्यकाल 15 फरवरी 2021 को पूरा हो गया था। उसके बाद उन्हें उम्मीद थी कि किसी दूसरे राज्य से उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा।
  • 2021 में मोदी सरकार ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान दिया था। कांग्रेस के कई नेताओं को यह पंसद नहीं आया। नेताओं ने सुझाव दिया था कि आजाद को यह सम्मान नहीं लेना चाहिए।

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