खण्डवा। इन दिनों भगवान श्री गणेश उत्सव की धूम देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी देखने को मिल रही है। गणेशोत्सव के मौके पर मध्यप्रदेश के खण्डवा में एक जौहरी मिट्टी को तराशकर उसे भगवान गणेश का आकार दे रहे हैं। लेकिन उनकी इस कलाकारी की खास बात यह है कि इनके द्वारा बनाई गई प्रत्येक मूर्ति 6 से लेकर 15 मिनिट में बनकर तैयार हो जाती है। पेशे से आभूषण की दुकान का संचालन करने वाले धर्मेन्द्र जौहरी एक बेहतर मूर्तिकार भी हैं। खण्डवा के रहने वाले धर्मेन्द्र ने पीपुल्स समाचार से बातचीत में बताया कि उन्होंने मूर्तियों को बनाने के लिए कोई ट्रेनिंग नहीं ली है, बल्कि यह ईश्वरीय देन है।

धर्मेन्द्र जौहरी का कहना है कि मिट्टी तैयार होने के बाद मूर्तियों को बनाना काफी आसान होता है और कम समय लगता है, लेकिन इन मूर्तियों को बनाने में भले ही कम समय लगता हो लेकिन इसका मटेरियल तैयार करने में काफी मेहनत और मशक्कत का काम है। मिट्टी के गणेश बनाने के लिए जिस मिट्टी का इस्तेमाल होता है, उसे काफी फिल्टर किया जाता है और उसके बाद उसमें खाने का गोंद और कागज की लुग्दी का घोल बनाकर मिट्टी को तैयार किया जाता है, जिससे मूर्ति काफी मजबूत और आकर्षक बनती है।
अनूठी कला : हाथों से सिर्फ 6 मिनिट में गणेशजी की मूर्ति तैयार, 5000 से ज्यादा लोगों दी ‘फास्ट मेकिंग’ की ट्रेनिंग#Khandwa #Creative #Artist #Ganesha pic.twitter.com/oW10FVsFSh
— Peoples Samachar (@psamachar1) September 16, 2021
5000 लोगों को दे चुके हैं ट्रेनिंग
धर्मेन्द्र अपनी इस कला की शिक्षा खण्डवा और आसपास के शहरों के करीब 5000 युवाओं और बड़े-बुजुर्गों, महिलाओं व विकलांगों को दे चुके हैं। मिट्टी तैयार कराने से लेकर मूर्ति बनाने और उसके बाद रंग रोगन की पूरी प्रक्रिया को बहुत ही आसान प्रक्रिया द्वारा समझाया जाता है। हाल ही में धर्मेन्द्र ने दो दर्जन से ज्यादा दृष्टिबाधित दिव्यांगों को भी मूर्ति बनाना सिखाया गया है। धर्मेन्द्र ने कहा कि जो देख नहीं सकते, उन्हें भगवान गणेश जी की मूर्ति का स्वरूप बनवाने में जो संतोष मिला है, वह मेरे लिए अविस्मरणीय है।