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रिसर्च में खुलासा : डिमेंशिया को कंट्रोल करेगा रोजाना 30 मिनट का 3D वीडियो गेम

लाइफस्टाइल डेस्क। बिहेवियरल ब्रेन रिसर्च जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन ने डिमेंशिया के एक नए इलाज का खुलासा किया है। यह बेहद आसान है और खेल-खेल में मरीज को ठीक करता है। रिसर्च के अनुसान वीडियो गेम खेलने से वृद्ध वयस्कों में इस बीमारी को रोकने में प्रभावी ढंग से मदद मिलती है।

‘इनरिचिंग हिप्पोकैम्पल मेमोरी फंक्शन इन ओल्डर थ्रू वीडियो गेम’ (Enriching hippocampal memory function in older adults through video games ) नामक रिसर्च बताता है कि 30 मिनट का वीडियो गेम खेलना डिमेंशिया से पीड़ित वृद्धों के लिए एक व्यावहारिक समाधान है। यह उन लोगों की याद्दाश्यत में सुधार करता है, जिन्हें उम्र संबंधी समस्या के कारण यह दिक्कत हुई है।

60 से 80 साल के बुजुर्गों पर अध्ययन

इस अध्ययन के लिए 60 से 80 वर्ष के स्वस्थ वृद्धों को 3डी गेम खेलने के लिए चुना गया था। इसमें पाया गया कि चार हफ्ते तक गेम खेलने से डिमेंशिया पीड़ित लोगों की याददाश्त बढ़ती है। शोध में यह भी सामने आया कि गेमिंग से याद्दाश्यत में जो सुधार हुआ वह चार हफ्ते तक बिना गेम खेले काम करता है।

अध्ययन के अनुसार, वर्चुअल वर्ल्ड संभवतः एक प्रॉक्सी के रूप में काम करती है जो पर्यावरण में बदलाव के कारण याद्दाश्यत को बढ़ाने में मदद करती है। यह वृद्ध वयस्कों को मानसिक पोषण प्रदान करती है। रियलिस्टिक ग्राफिक्स वाले टाइटल डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्तियों में इस समस्या को कम करने में अधिक सक्षम होते हैं।

2डी से ज्यादा कारगर 3डी गेम्स

पीएलओएस वन (PLOS one) द्वारा किए गए एक अन्य शोध के मुताबिक सुपर मारियो खेलने से वृद्ध वयस्कों में हिप्पोकैम्पल ग्रे मैटर बढ़ता है। इस रिसर्च में प्रतिभागियों को दो समूहों में बांटा गया था। एक को 2 डी गेम खेलने को दिया गया और दूसरे को सुपर मारियो 3 डी वर्ल्ड। इन बुजुर्गों ने 4 सप्ताह तक यह गेम्स प्रतिदिन 30 से 45 मिनट के लिए खेला। दो हफ्ते तक खेलने से ही प्रतिभागियों में काफी सकारात्मक परिणाम दिखे। हालांकि, सुपर मारियो 3डी वर्ल्ड खेलने वाले प्रतिभागियों के परिणाम 2डी गेम्स खेलने वालों की तुलना में बेहतर पाए गए।

इसके पीछे कारण यह बताया गया कि सुपर मारियाे 3डी वर्ल्ड में बेहतर विजुअल एक्सपीरियंस था, जबकि 2डी गेम फ्लैपी बर्ड में उतना बेहतर विजुअल इनपुट नहीं था। इस वजह से सुपर मारिया 3डी वर्ल्ड खेलने वाले ग्रुप में अधिक मेमोरी स्किल सुधरी।

रियलिस्टिक विजुअल्स की वजह से ज्यादा कारगर

प्रतिदिन 30 मिनट के लिए गेम्स की खूबसूरत दुनिया में जाने से डिमेंशिया के प्रभावों को धीरे-धीरे कम किया जा सकता है और इसके आने वाले खतरों को अत्यधिक कम किया जा सकता है। चूंकि वीडियो गेम के विजुअल्स बिलकुल रियलास्टिक हो गए हैं, ऐसे में हैं, वर्चुअल लैंडस्केप डिमेंशिया के खिलाफ एक प्रभावी समाधान साबित हो सकता है।

क्या है डिमेंशिया

डिमेंशिया सबसे भयावह न्यूरोकॉग्निटिव विकारों में से एक है, जो मुख्य रूप से बढ़ती उम्र के साथ वृद्धों को अधिक प्रभावित करता है। यह उन समस्याओं में से है, जो मरीजों के सााथ ही उनके परिजनों के जीवन को भी गहराई से प्रभावित करता है। इस neurocognitive बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन इसे कम करने के इस तरह के कदम हम उठा सकते हैं। अधिकतर लोग डिमेंशिया को भूलने की बीमारी के नाम से जानते हैं। यह बढ़ती उम्र के साथ होता है। डॉक्टरों के मुताबिक मस्तिष्क की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने से यह समस्या उत्पन्न होती है।

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