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अमेरिका : पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर का 100 वर्ष की उम्र में निधन, विवादों से रहा नाता; 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान विवादास्पद रही थी भूमिका

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर का बुधवार को 100 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने कनेक्टिकट स्थित घर पर अंतिम सांस ली। किसिंजर की पहचान एक विवादास्पद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और कूटनीति जगत की हस्ती के रूप में है। किसिंजर पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के कार्यकाल में विदेश मंत्री थे। वह अकेले ऐसे नेता थे जो विदेश मंत्री रहने का साथ-साथ व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी रहे और दोनों ही पद एक साथ संभाले।

किसिंजर के बारे में जानें

  • किसिंजर ने 1950 के दशक में अधिकांश समय सरकारी एजेंसियों के सलाहकार के रूप में कार्य किया, जिसमें 1967 भी शामिल था।
  • 1969 में तत्कालीन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था।
  • 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनकी भूमिका काफी विवादास्पद रही थी। इसी युद्ध के कारण दुनिया के नक्शे पर एक स्वतंत्र देश बांग्लादेश का उदय हुआ था।
  • हेनरी किसिंजर जर्मनी में जन्में यहूदी शरणार्थी थे। उनके प्रयासों से चीन और अमेरिका के बीच कूटनीतिक रिश्तों की शुरुआत हुई। ऐतिहासिक अमेरिकी-सोवियत हथियार नियंत्रण वार्ता हुई।
  • इजराइल और उसके अरब पड़ोसियों के बीच संबंधों का विस्तार हुआ और उत्तरी वियतनाम के साथ पेरिस शांति समझौता हुआ।
  • अमेरिका समेत कई देश किसिंजर को डिप्लोमेसी में उनके योगदान के लिए एक महान कूटनीतिज्ञ मानते हैं।
  • कई उन्हें लैटिन अमेरिका में ‘कम्युनिस्ट विरोधी तानाशाही’ को समर्थन के लिए युद्ध अपराधी की संज्ञा देते हैं।
  • वह राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्ड के अधीन एक डिप्लोमैटिक फोर्स बने रहे और जीवन भर विदेश नीति के मुद्दों पर अमेरिकी सरकार को जरूरी सलाह देते रहे।
  • साल 1973 में हेनरी किसिंजर को और वियतनाम के ले डक थो को संयुक्त रूप से शांति के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। यह अब तक के सबसे विवादास्पद नोबेल पुरस्कारों में से एक था।
  • थो ने इसे अस्वीकार कर दिया था। इसके अलावा नोबेल समिति के दो सदस्यों ने शांति पुरस्कार के लिए किसिंजर के चयन पर इस्तीफा दे दिया।
  • किसिंजर राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और गेराल्ड फोर्ड के कार्यकाल के दौरान अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं।
  • किसिंजर आधुनिक अमेरिकी इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक हैं। उन्होंने ही वियतनाम युद्ध को खत्म करने और अमेरिकी सेना की वापसी में बड़ी भूमिका निभाई थी।

जर्मनी में हुआ था जन्म

हेंज अल्फ्रेड किसिंजर का जन्म 27 मई 1923 को जर्मनी के फर्थ में हुआ था। जर्मनी के यहूदियों से जब उनकी नागरिकता छीन ली गई, उस समय वे 12 वर्ष के थे। किसिंजर का परिवार अगस्त 1938 में जर्मनी छोड़कर अमेरिका चले आया। किसिंजर ने 1943 में अमेरिकी नागरिकता हासिल की और अपने नाम में हेनरी जोड़ लिया। वो कई साल न्यूयॉर्क में एक रिश्तेदार के घर पर रहे थे। वह अमेरिकी सेना में शामिल हुए और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूरोप में अपनी सेवाएं दीं। हार्वर्ड विश्वविद्यालय से 1952 में मास्टर डिग्री और 1954 में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। इसके अलावा 17 वर्षों तक हार्वर्ड में फैकल्टी रहे।

1971 के युद्ध में दिया था पाकिस्तान का साथ

1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हेनरी किसिंजर की भूमिका काफी विवादास्पद रही थी। 90000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसर्मपण किया था और दुनिया के नक्शे पर एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश का उदय हुआ था। किसिंजर ने इस युद्ध में पाकिस्तान का साथ दिया था।

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