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बीजेपी के प्रभात का हुआ अस्त : गुरुग्राम के अस्पताल में ली अंतिम सांस, लंबे समय से चल रहा था इलाज

भोपाल। बीजेपी के “प्रभात” का अस्त हो गया। बीजेपी के सीनियर लीडर और पूर्व मध्य प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा का शुक्रवार (26 जुलाई) को निधन हो गया। उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सुबह 5 बजे अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनकी तबीयत खराब होने पर उन्हें पहले भोपाल के एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया था, लेकिन बाद में हालत ज्यादा बिगड़ जाने के कारण करीब 26 दिन पहले उन्हें इलाज के लिए एयर एंबुलेंस के जरिए दिल्ली ले जाया गया था।

उनके बेटे अयत्न ने निधन की जानकारी देते हुए बताया कि, अंतिम संस्कार ग्वालियर या पैतृक गांव कोरियाही, सीतामढ़ी (बिहार) में होगा।

CM डॉ मोहन यादव ने जताया शोक

CM डॉ मोहन यादव ने प्रभात झा के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने “X” पर लिखा- “भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, वरिष्ठ नेता आदरणीय श्री प्रभात झा जी के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। बाबा महाकाल दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजनों को इस भीषण वज्रपात को सहने की शक्ति दें। मध्यप्रदेश के विकास में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका सदैव हमे प्रेरित करेगी। आपका निधन राजनैतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ॐ शांति!”

बिहार में जन्म, ग्वालियर में पढ़ाई

पत्रकारिता से अपना करियर शुरू करने वाले प्रभात झा ने राजनीति में कई आयाम छुए। उनकी गिनती दबंग सांसद और संगठन के मुखिया की रही, जो खरी बात बोलने के लिए जाने जाते थे। प्रभात झा का जन्म 4 जून 1957 को बिहार के दरभंगा के हरिहरपुर ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम पनेश्वर झा तथा माता का नाम अमरावती झा था। वे बाल्यावस्था में ही अपने परिवार के साथ मध्य प्रदेश के ग्वालियर आ गए और यही शहर उनकी कर्म स्थली बना। ग्वालियर में प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा के बाद उन्होंने इसी शहर के पीजी कॉलेज से बीएससी, माधव कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए तथा एमएलबी कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रभात झा और उनके बेटे तुष्मुल झा।

पत्रकारिता से हुआ करियर का आगाज

प्रभात झा का विवाह रंजना झा से हुआ और आजीविका के लिए उनका करियर एक पत्रकार के तौर पर शुरू हुआ था। लंबे समय तक पत्रकारिता करने के बाद वे राजनीति में आए और बीजेपी के सदस्य बने। इस दौरान भी वे लगातार अनेक पत्र-पत्रिकाओं के लिए आलेख व स्तंभ लिखते रहे। वे पूर्ण रूप में एक सफल राजनेता 2008 में बने। प्रभात झा भाजपा के मुखपत्र ‘कमल संदेश’ के संपादक भी रहे। अप्रैल 2008 में मध्य प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में वे बीजेपी के टिकट पर सांसद बने और रुरल डेवलपमेंट कमेटी के सदस्य बन गए। जनवरी 2010 में वे पॉपुलेशन एवं पब्लिक हेल्‍थ के संसदीय फोरम के सदस्‍य बनाए गए। मई 2010 में उन्हें मध्य प्रदेश BJP का अध्यक्ष बनाया गया था, वे करीब 2 साल तक इस पद पर रहे।

जनवरी 2020 में प्रभात झा के छोटे बेटे अयत्न झा की शादी में पहुंचे थे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह।

माल्या को लौटा दी थी शराब की बोतल

अक्टूबर 2009 में स समय के लिकर किंग विजय माल्या ने प्रभात को बतौर तोहफा शराब की एक बोतल भेजी थी। इस पर झा ने बोतल लौटाते हुए पत्र लिखा था कि ‘मेरा आपसे न तो कोई परिचय है और न ही मेरे-आपके अंतरंग संबंध है। मैं शराब का शौकीन भी नहीं हूं। आपने शराब की जगह कोई किताब भेजी होती, तो अच्छा होता।’

अगस्‍त 2012 में प्रभात झा रेलवे कमेटी के सदस्य बने और अप्रैल 2013 में वे शिल्पकारों और कारीगरों के संसदीय फोरम के सदस्य रहे। हिन्दी भाषा पर उनकी खूब पकड़ रही, यही वजह थी कि उन्होने अपना सभी पुस्तकें इसी भाषा में लिखीं। 2005 में शिल्पी (तीन खंडों में), 2008 में जन गण मन (तीन खंडों में), 2008 में ही अजातशत्रु-पं. दीनदयाल जी, संकल्प, अंत्योदय, समर्थ भारत, 21वीं सदी-भारत की सदी चुनौतियां तथा विकल्प नाम की पुस्तकों के वे लेखक रहे। अगस्त 2009 में लोकसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में उन्होंने ऑस्ट्रिया की यात्रा की थी।

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