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कर्नाटक के पूर्व सीएम एसएम कृष्णा का निधन, 92 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा का मंगलवार तड़के 2.45 बजे बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे। कृष्णा तीन बार केंद्रीय मंत्री भी रहे। उन्होंने 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वे महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे। इस खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।

विदेश मंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे

सोमनहल्ली मल्लैया कृष्णा विदेश मंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे। वे साल 1999 से 2004 कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे और वर्ष 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे। 22 मई 2009 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कृष्णा को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया और 23 मई 2009 विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी। कांग्रेस में लंबे समय तक रहने के बाद कृष्णा अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम दौर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। मार्च 2017 में एसएम कृष्णा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। 2023 में सरकार ने एसएम कृष्णा को पद्म विभूषण से सम्मानित किया।

PM मोदी ने कृष्णा के निधन पर जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह एक असाधारण नेता थे, जिनका सभी क्षेत्रों के लोग सम्मान करते थे। मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘श्री एस एम कृष्णा जी एक असाधारण नेता थे, जिनकी प्रशंसा सभी क्षेत्रों के लोग करते थे। उन्होंने हमेशा दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किया।”

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल खासकर बुनियादी ढांचे के विकास पर उनके द्वारा विशेष रूप से दिए गए ध्यान को लेकर उन्हें बहुत याद किया जाता है। श्री एसएम कृष्णा जी एक सजग पाठक और विचारक भी थे।” मोदी ने कहा कि उन्हें पिछले कई वर्षों में कृष्णा के साथ बातचीत करने के कई अवसर मिले हैं और वह उन मुलाकातों को हमेशा संजो कर रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘कृष्णा के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।”

1932 को हुआ था जन्म

एसएम कृष्णा, जिनका पूरा नाम सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा था, उनका जन्म 1 मई, 1932 को मांड्या जिले के सोमनाहल्ली गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक और स्नातक की शिक्षा मैसूर में प्राप्त की, उन्होंने बेंगलुरु के सरकारी लॉ कॉलेज में अपनी कानून की पढ़ाई की। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत मद्दुर से विधायक के रूप में की थी। 1962 में वे एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीते। 1964 में उन्होंने विवाह किया था। उनकी दो बेटिया शांभवी और मालविका हैं।

राजनीतिक करियर

एसएम कृष्णा ने 1960 के आसपास अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी। उन्होंने 1962 में मद्दुर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस उम्मीदवार को हराकर चुनाव जीता। इसके बाद वे प्रजा सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हो गए और 1968 में मांड्या लोकसभा सीट का उपचुनाव जीता। फिर एसएम कृष्णा कांग्रेस में शामिल हो गए और 1971 में मांड्या लोकसभा सीट से फिर से चुनाव जीता। 1985 में एसएम कृष्णा फिर से राज्य की राजनीति में लौटे और विधानसभा चुनाव लड़ा। वह 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। दिसंबर 2004 से मार्च 2008 तक वह महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे। मनमोहन सिंह की सरकार में एसएम कृष्णा ने विदेश मंत्री का पद भी संभाला। जनवरी 2023 में एसएम कृष्णा ने घोषणा की कि वह अब सक्रिय राजनीति में नहीं रहेंगे।

चंद्रबाबू नायडू ने भी जताया दुख

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सोशल मीडिया पर लिखा, “कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के निधन के बारे में सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है। हमारी मित्रता अपने-अपने राज्यों में निवेश आकर्षित करने में साझा की गई प्रतिस्पर्धी भावना से कहीं आगे है। वह एक सच्चे नेता थे जिन्होंने हमेशा अपने लोगों के कल्याण को प्राथमिकता दी। इस कठिन समय में उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना है।”

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