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भोज विवि कैंपस में जंगल की कटाई, 50 से अधिक पेड़ों के ठूंठ आ रहे नजर

सर्वधर्म ब्रिज के पास टूटी बाउंड्रीवॉल से अंदर घुस रहे चोर

  रामचन्द्र पाण्डेय / भोपाल।  भोपाल करीब 100 एकड़ में फैले भोज मुक्त विश्वविद्यालय परिसर में पेड़ों की अवैध रूप से कटाई धड़ल्ले से चल रही है। यहां सड़क से सटे इलाके में पेड़ों के ठूंठ ही ठूंठ नजर आ रहे हैं। लेकिन इसको रोकने को लेकर भोज विवि प्रबंधन और वन विभाग दोनों ही गंभीर नहीं हैं। जानकारी के अनुसार, करीब 100 एकड़ में फैले विवि में करीब 50 एकड़ में जंगल है। विवि प्रबंधन के अनुसार, जंगल वन विभाग के आधिपत्य में आता है। इसमें महुआ, साल, सुबबूल आदि के पेड़ हैं। सिक्सलेन के निर्माण के दौरान सर्वधर्म पुल से विवि के मेन गेट तक बड़े हिस्से में बाउंड्रीवॉल तोड़ दी गई है। इससे लोग जंगल में घुस रहे हैं और पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि नदी वाले हिस्से में लंबे समय से पेड़ों की कटाई चल रही है। छोटे से इलाके में 60 से अधिक पेड़ों के नए और पुराने ठूंठ नजर आ रहे हैं। इस बारे में डीएफओ लोकप्रिय भारती से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

पुराने ठूंठ की आड़ में नए पेड़ काटे जा रहे

भोज विश्वविद्यालय के इंजीनियर राजेश पटेल ने बताया कि करीब तीन साल पहले नदी के किनारे लगे पेड़ों को काटा गया था। यह पेड़ पानी के बहाव में बाधा बन रहे थे। हालांकि इन पेड़ों को काटने के लिए डूब एरिया के नाम पर बाकायदा परमिशन ली गई थी। उन पेड़ के ठंूठ की आड़ में नए पेड़ भी काटे जा रहे हैं।

भोज विवि परिसर में तीन साल पहले दिखा था बाघ

करीब तीन साल पहले 8 फरवरी 2022 को भोज विश्वविद्यालय के कैंपस में एक बाघ घुस गया था। वह कलियासोत नदी के किनारे से होते हुए कैंपस में पहुंच गया था। तत्कालीन कुलपति जयंत सोनवलर के आवास के पास घूमते समय यह सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर वन विभाग ने यहां काफी समय तक अपने कर्मचारियों को तैनात किया था। अब बाउंड्रीवॉल टूटने से जंगली जानवरों के सड़क पर आने का खतरा पैदा हो गया है।111कोलार सिक्सलेन के निर्माण के दौरान सड़क की ओर विवि की बाउंड्रीवॉल तोड़ दी गई थी। इसे फिर से बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी को तीन बार पत्र लिख चुके हैं। डूब एरिया में कुछ पेड़ संभवत: चोरों द्वारा काटे गए हैं। -राजेश पटेल, इंजीनियर, भोज विवि

भोज परिसर में जंगल का एरिया वन विभाग के पास है। फिर भी जंगल को बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। शीघ्र ही टूटी हुई बाउंड्रीवॉल बनवा कर जंगल की सुरक्षा की जाएगी। -प्रो. संजय तिवारी, कुलपति, भोज मुक्त विश्वविद्यालय, भोपाल

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