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विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले- PoK खाली होने से हल होगा कश्मीर का मुद्दा; अमेरिका की बदली विदेश नीति से भारत को होगा फायदा

लंदन। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान PoK खाली कर देगा, तो कश्मीर मुद्दा पूरी तरह हल हो जाएगा। जयशंकर ब्रिटेन के दौरे पर हैं और 5 मार्च को लंदन के चैथम हाउस थिंक टैंक के एक कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उन्होंने कश्मीर, भारत-अमेरिका संबंधों, चीन के साथ रिश्तों और भारत-ब्रिटेन सहयोग पर भी चर्चा की।

कश्मीर समस्या के तीन चरणों में हुआ समाधान

जयशंकर ने कहा कि भारत ने कश्मीर के अधिकांश मुद्दों को हल कर लिया है और इसे तीन चरणों में हल किया गया।

  1. अनुच्छेद 370 हटाना- भारत सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जे से मुक्त किया और इसे पूरी तरह भारतीय संविधान के दायरे में लाया।
  2. विकास और सामाजिक न्याय- इसके बाद केंद्र सरकार ने कश्मीर में आर्थिक गतिविधियों, निवेश और बुनियादी ढांचे के विकास को तेज किया।
  3. लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल करना- हाल ही में हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में बड़ी संख्या में लोगों ने मतदान किया, जो इस क्षेत्र में लोकतंत्र की बहाली का संकेत है।

जयशंकर ने कहा, “अब हम उस हिस्से की वापसी का इंतजार कर रहे हैं, जिसे चोरी से पाकिस्तान ने अपने पास रखा है। जब यह हो जाएगा, तो मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि कश्मीर का मुद्दा पूरी तरह हल हो जाएगा।”

भारत-अमेरिका संबंधों पर बोले जयशंकर

जयशंकर से जब पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल कर सकते हैं? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि भारत को अमेरिका की बदली हुई विदेश नीति का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका की विदेश नीति में बदलाव भारत के लिए अनुकूल है। अमेरिका की रणनीतिक प्राथमिकताओं में बदलाव से नई विश्व व्यवस्था बन रही है, जो भारत के लिए फायदेमंद हो सकती है।”

भारत-चीन संबंधों पर भारत की स्पष्ट नीति

जयशंकर से जब भारत-चीन संबंधों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “हम दुनिया के दो सबसे बड़े जनसंख्या वाले देश हैं, जिनका इतिहास पुराना है। जैसे-जैसे देश आगे बढ़ता है, उसका अपने पड़ोसियों के साथ संतुलन भी बदलता है। मुख्य चुनौती यह है कि एक स्थिर संतुलन कैसे बनाया जाए।”

सीमा विवाद पर भारत का कड़ा रुख

जयशंकर ने साफ किया कि भारत-चीन संबंधों की स्थिरता के लिए सीमा विवाद का हल जरूरी है। 40 साल से भारत-चीन के बीच यह समझ बनी हुई थी कि सीमा पर शांति और स्थिरता आवश्यक है। यदि सीमा पर अस्थिरता बनी रहती है, तो यह दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित करेगा। भारत अपने हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी स्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।

भारत-ब्रिटेन संबंधों पर हुई महत्वपूर्ण बैठक

3 मार्च को भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी के बीच इंग्लैंड के केंट में स्थित शेवेनिंग हाउस में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस दौरान दोनों देशों के व्यापारिक और रणनीतिक सहयोग पर चर्चा की गई।

किन मुद्दों पर हुई चर्चा

  1. भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता- दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार को और मजबूत करने पर सहमति जताई।
  2. राष्ट्रमंडल देशों के साथ सहयोग- दोनों देशों ने राष्ट्रमंडल देशों के साथ आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को बेहतर बनाने की योजना पर चर्चा की।
  3. यूक्रेन, बांग्लादेश और पश्चिम एशिया की स्थिति- क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीति पर भी बातचीत हुई।

इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकर की पत्नी क्योको जयशंकर और ब्रिटिश विदेश मंत्री की पत्नी निकोला ग्रीन भी मौजूद थीं।

ब्रिटेन-आयरलैंड दौरे पर जयशंकर

जयशंकर 6 दिन की यात्रा पर ब्रिटेन और आयरलैंड पहुंचे हैं। इस दौरान वे कई हाई-लेवल बैठकों में हिस्सा लेंगे और भारत-ब्रिटेन संबंधों को और मजबूत करने के लिए चर्चा करेंगे।

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