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जुवेनाइल बोर्ड के निर्देश के बाद आरोपी ने रोड सेफ्टी पर लिखा 300 शब्दों का निबंध

पुणे पोर्श केस- हाईकोर्ट ने नाबालिग को 25 जून को दी थी जमानत

पुणे। पुणे में पोर्श कार दुर्घटना मामले में आरोपी किशोर ने सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध जुवेनाइल बोर्ड के समक्ष पेश किया। बोर्ड ने आरोपी किशोर को जमानत शर्तों के तहत निबंध लिखने का आदेश दिया था। हादसे के बाद जुवेनाइल बोर्ड ने आरोपी को 300 शब्दों का निबंध लिखने सहित कुल 7 शर्तों पर जमानत दी थी।

लोगों के आक्रोश के बाद बोर्ड ने किया फैसले में संशोधन

पुलिस की मांग और लोगों के आक्रोश के बाद जुवेनाइल बोर्ड ने अपने फैसले में संशोधन किया था। 22 मई को बोर्ड ने आरोपी को बाल सुधार गृह में भेजने का आदेश दिया था। हालांकि, 25 जून को बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी। ज्ञात हो कि बीती 19 मई को पुणे में हुए हादसे में आरोपी किशोर ने एक बाइक को अपनी लग्जरी पोर्श कार से टक्कर मार दी थी, जिससे बाइक सवार दो लोगों की मौत हो गई थी। घटना के समय आरोपी नशे में तेज रफ्तार में कार चला रहा था।

नाबालिग 15 दिनों के भीतर जुवेनाइल बोर्ड को रिपोर्ट सौंपेगा

सूत्रों के मुताबिक, जुवेनाइल बोर्ड के आदेश के अनुसार नाबालिग ससून अस्पताल में डॉक्टरों से साइकोलॉजिकल काउंसिलिंग ले रहा है। उसकी चाची ने ससून अस्पताल से संपर्क किया था। अस्पताल के अधिकारियों ने इस संबंध में जुवेनाइल बोर्ड से निर्देश मांगे थे। नाबालिग के वकील ने जुवेनाइल बोर्ड में एक आवेदन दायर कर ससून अस्पताल को निर्देश देने की मांग की है। आरटीओ से भी संपर्क किया गया है। जुवेनाइल बोर्ड ने आरटीओ अधिकारियों को नाबालिग के साथ कोऑर्डिनेट करने का निर्देश दिया है। नाबालिग आरोपी आरटीओ ऑफिस में ट्रैफिक रूल्स के नियम-कानून की स्टडी के बाद जुवेनाइल बोर्ड को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपेगा।

बाकी शर्तों को भी पूरा करना होगा

हालांकि, 25 जून को बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा था कि आरोपी पर जुवेनाइल बोर्ड के आदेश की सभी शर्तें लागू रहेंगी। बाल सुधार गृह से निकलने के बाद नाबालिग ने 3 जुलाई को निबंध लिखने की एक शर्त पूरी की। नाबालिग को बाकी शर्तों को भी पूरा करना होगा। इनमें साइकोलॉजिकल काउंसिलिंग और ट्रैफिक रूल्स समझने के लिए रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस में काम करना शामिल हैं।

पहले भी निबंध लिखवाने पर हुआ था हंगामा

पुणे में 19 मई को कल्याणी नगर में हुए पोर्श कार हादसे के कुछ घंटे बाद ही आरोपी किशोर को जमानत दे दी थी। जुवेनाइल बोर्ड ने आरोपी को सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा था, जिसे लेकर आक्रोश देखा गया। दबाव बढ़ता देख पुणे पुलिस ने फिर से जुवेनाइल बोर्ड का रुख किया और आदेश में संशोधन की मांग की। इसके बाद बोर्ड ने आरोपी को निगरानी गृह में रखने का आदेश दिया।

पिता और दादा को भी मिली जमानत

इस मामले में जेल में बंद आरोपी के पिता और दादा को भी जमानत मिल गई है। दोनों पर अपने परिवार के ड्राइवर का अपहरण कर कैद करने के आरोप थे। आरोप है कि नाबालिग के पिता और दादा ने अपने ड्राइवर को पहले तोहफे और नकद राशि का लालच दिया। इसके बाद उसे धमकाया गया कि इस हादसे की जिम्मेदारी अपने सिर पर ले। ड्राइवर और उसके परिवार को पुलिस ने सुरक्षा प्रदान की थी।

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