ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

फ्लाईओवर पाठशाला…यहां 50 से अधिक मजदूरों के बच्चे सीख रहे ककहरा, ताकि पढ़-लिखकर अच्छे इंसान बन सकें

आर्मी स्कूल से रिटायर शिक्षिका की पहल

पल्लवी वाघेला-भोपाल। शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है। लेकिन वो बच्चे, जिनके पास न कोई दस्तावेज है, न जीविका और न ही रहने की स्थाई जगह, उनके लिए स्कूल बस सपना है। इन बच्चों के लिए शहर में अनोखा फ्लाई ओवर स्कूल काम कर रहा है। इसकी शुरुआत की है, आर्मी स्कूल से सेवानिवृत्त शिक्षिका मिथिलेश सिंह और उनकी एडवोकेट बेटी विनीता सिंह ने। दस माह से मानवता संरक्षण ट्रस्ट के बैनर तले सिंगारचोली फ्लाईओवर के नीचे यह अनूठी पाठशाला चल रही है। पाठशाला में बच्चों को नैतिक शिक्षा, हाइजीन और प्राथमिक शिक्षा दी जाती है।

दीवार पर बनाया ब्लैक बोर्ड : इस स्कूल में प्रवासी मजदूरों और भीख मांगने वाले बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा मिलती है। फ्लाईओवर की दीवारें ब्लैक बोर्ड हैं। अच्छा परफॉर्म करने वाले और स्वच्छ रहने वाले बच्चे को रोज गिफ्ट मिलता है।

छोटी सी बात बन गई मुहिम

ट्रस्ट की सचिव विनीता सिंह आर्मी बैकग्राउंड से हैं और कई एनजीओ से जुड़ी हैं। उन्होंने कोविड के बाद लोगों के आधार कार्ड बनवाने की मुहिम शुरू की। इसी दौरान उनकी नजर इस फ्लाई ओवर के आस-पास खेलते बच्चों पर पड़ी।

रोती हुई बच्ची ने प्रेरित किया : बच्चों से बात की तो एक बच्ची लगभग रोते हुए बोली -पूछता हर कोई है कि पढ़ना चाहते हो, लेकिन पढ़ाता कोई नहीं। बस पाठशाला शुरू करने की ठान ली। वर्तमान में इससे चार से 14 साल के करीब 50 बच्चे जुड़े हैं।

कई चुनौतियां हैं

मिथिलेश सिंह ने बताया कि बच्चों के परिजन सबसे बड़ी चुनौती हैं। वह शराब पीकर हंगामा करते हैं। क्लास की जगह को गंदा कर देते हैं। दीवारों पर किया गया पेंट खुरच देते हैं। ऐसे में पुलिस सहयोग करती है। विनीता ने बताया कि पाठशाला में आने वाली तीन छोटी बच्चियों को मार्च माह में बाल आयोग की मदद से बचाया था। बच्चियों की मां कहीं चली गई थी और शराबी पिता उन्हें बेच सकता था। बच्चियों के सुरक्षित स्थान पर जाने के बाद यहां उनको खतरा है ऐसी अफवाह फैल गई थी।

संबंधित खबरें...

Back to top button