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मथुरा शाही ईदगाह को लेकर सुनवाई, sc ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को दी चुनौती, कोर्ट ने कहा – सर्वे पर जारी रहेगी रोक

मथुरा। सुप्रीम कोर्ट में मथुरा शाही ईदगाह के सर्वे को लेकर सुनवाई हुई। सुनवाई कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वेक्षण कोर्ट कमिश्नर द्वारा कराने की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के बगल में स्थित है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने मस्जिद समिति द्वारा दायर की गई अपीलों पर विचार किया, जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।

अप्रैल के पहले सप्ताह में होगी सुनवाई

दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार करते हुए परिसर का सर्वे कराने के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाई। आज चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच में मामले की सुनवाई हुई। पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति की याचिका पर सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी।

सर्वे होने से तथ्य आएंगे सामने: अधिवक्ता

मामले में पीठ ने कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के न्यायालय की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद उच्च न्यायालय का अंतरिम आदेश लागू रहेगा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामले में वाद दाखिल करने वाले वादी और अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि सर्वे होने से तथ्य सामने आएंगे। सर्वे क्यों जरूरी है इसको लेकर आगामी सुनवाई में अपनी बात रखेंगे। शाही ईदगाह पक्ष नहीं चाहता कि मस्जिद का सर्वे किया जाए।

क्या है विवाद ?

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद का यह पूरा विवाद 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक को लेकर है। इस जमीन के 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर है तो बाकी बचे 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी है। हिंदू पक्ष का दावा है कि पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर की है और पूरी जमीन उन्हें देने की मांग कर रहा है। वहीं मुस्लिम पक्ष इस दावे से इनकार कर रहा है।

वहीं जानकार दावा करते हैं कि इस विवाद का इतिहास 350 साल पुराना है। साल 1670 में जब दिल्ली में मुगल शासक औरंगजेब का शासन था, उसी दौरान ठाकुर केशव देव मंदिर को तोड़कर उसके ऊपर शाही ईदगाह मस्जिद बनवाई गई थी। मस्जिद के निर्माण में मंदिर के ही अवशेषों का इस्तेमाल किया गया था। यही वजह है मस्जिद में सनातन धर्म के प्रतीक होने का दावा किया जा रहा है

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