भोपाल। मप्र गृह विभाग ने महिला पुलिस आरक्षक को जेंडर चेंज की इजाजत दे दी गई है। यह मप्र का पहला मामला है, जिसमें राज्य शासन द्वारा लिंग परिवर्तन की अनुमति दी गई। है। महिला आरक्षक सुनिता (परिवर्तित नाम) को लिंग परिवर्तन की इजाजत पुलिस महानिदेशक की ओर से दी गई है। राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि महिला आरक्षक को विधिवत लिंग परिवर्तन कराने की इजाजत संबंधित आदेश आज गृह विभाग की ओर से प्रदेश पुलिस मुख्यालय को भेज दिया गया है।
जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर से पीड़ित थी आरक्षक
दरअसल, महिला आरक्षक को बचपन से जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर की समस्या थी और इसकी पुष्टि राष्ट्रीय स्तर के मनोचिकित्सकों की ओर से भी की गई थी। इसलिए संबंधित महिला आरक्षक की ओर से लिंग परिवर्तन कराने के संबंध में विधिवत आवेदन, शपथ पत्र और भारत सरकार के राजपत्र में 2019 में इस संबंध में प्रकाशित अधिसूचना के आधार पर प्रदेश पुलिस मुख्यालय को भेजा गया था। जिस पर आज आदेश जारी हो गए है।
महाराष्ट्र में आया था पहला केस
बता दें कि 5 साल पहले बीड की 29 वर्षीय महिला कांस्टेबल ललिता साल्वे ने लिंग परिवर्तन की अनुमति मांगी थी। वह देश का पहला केस था। तमाम कानूनी अड़चनों को दूर करने के बाद ललिता साल्वे से ललित साल्वे बन गई थी। इस कानूनी प्रक्रिया में उसे दो-तीन साल लग गए थे।