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5 दिन से जारी आंधी-बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को टेंशन, फसल को भारी नुकसान

अगले तीन दिन नहीं मिलेगी राहत, चार जिलों में रेड अलर्ट

भोपाल/इंदौर/जबलपुर मध्य प्रदेश के कई जिलों में 5 दिनों से जारी आंधी, बारिश और ओले की मार से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। साथ ही सब्जियों की फसल पर बुरा असर पड़ा है। कई जिलों के खरीदी केंद्रों में भीगने से गेहूं खराब हो गए। कई जगह मवेशी मारे गए और घरों को नुकसान हुआ। संबंधित जिलों के प्रशासन का कहना है कि सर्वे कर नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

दमोह और बड़वानी में बिजली गिरने से दो की मौत :

दमोह में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से राजकुमार (22) व रवींद्र (27) की मौत हो गई। वहीं बड़वानी में बिजली गिरने से एक महिला और उसकी नातिन की मौत हो गई। बरतें सतर्कता : मौसम विभाग ने भोपाल, रायसेन, देवास और होशंगाबाद के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। यहां अगले तीन दिनों तक रात में ओलावृष्टि, बिजली गिरने या चमकने, 60 किमी प्रति घंटे की गति से आंधी चल सकती है। विभाग ने एडवाइजरी जारी कर आवश्यक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अप्रैल में प्रदेश में आंधी-बारिश का ट्रेंड है। पिछले 10 में से 7 साल बारिश हुई थी। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम है।

भोपाल में 350 क्विंटल गेहूं भीगा:

तेज बारिश से कोडिया उपार्जन केंद्र पर बुधवार को सोसायटी द्वारा खरीदा 350 क्विंटल गेहूं भीग गया। जवाहर चौक पर 2 दिन पहले मोबाइल टॉवर गिर गया। पुराने शहर में मकान का छज्जा गिरने से कार डैमेज हो गई। कई जगह पेड़ की शाखाएं बिजली लाइनों पर गिर गई।

महाकौशल- विंध्य में फसलों को नुकसान:

महाकौशल में भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल, सब्जियों को काफी नुकसान हुआ है। मंडला में ओले गिरने से फसलें चौपट हो गईं। वहीं छिंदवाड़ा, बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी और अनूपपुर में गेहूं, चना और सरसों को भारी नुकसान हुआ।

जबलपुर सहित संभाग के जिन जिलों में बारिश हुई, उनमें गेंहू व चने की फसल का उत्पादन 5 से 8 प्रतिशत कमी आएगी। बारिश प्रभावित जिलों में गेंहू के दानों व चने के फल झड़ जाने से बीज की चमक कम हो गई है। – डॉ. संजय सिंह, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, जनेकृविवि

अभी वेस्टर्न डिस्टरबेंस, साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ लाइन गुजरने की वजह से बारिश-ओले का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। इसी का असर प्रदेश में दिख रहा है। इसके अलावा एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है। – देवेंद्र तिवारी, मौसम वैज्ञानिक

दुनिया के सबसे बड़े μलोटिंग सोलर पॉवर प्लांट को 1.5 करोड़ का नुकसान

तेज आंधी और बारिश से ओंकारेश्वर डेम के बैकवाटर पर बनाए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट को नुकसान हुआ है। एनएचडीसी के अनुसार, पानी में प्लांट लगाए जाने के पहले मजदूर पैनल सेट कर रहे थे, तभी आंधी के कारण उठी तेज लहरों से किनारे पर मौजूद करीब 1,000 पैनल क्षतिग्रस्त हो गए। इनकी कीमत 1.5 करोड़ रुपए है। अधिकारियों के अनुसार, नए पैनलों को लगाने में लगभग 2 करोड़ खर्च होंगे। एनएचडीसी के जीएम डीके द्विवेदी के अनुसार, बैक वॉटर के 2 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र में सोलर पैनल लगा कर लगभग 300 मेगावॉट बिजली उत्पादन होगा। प्रोजेक्ट में करीब 3 हजार करोड़ का खर्च आएगा। पानी पर 2 लाख 13 हजार सोलर पैनल लगने हैं। अभी 70 हजार लग चुके हैं।

डेवलपर्स को नुकसान हुआ है, हमें सीधे नुकसान नहीं हुआ है। हमें तो उनसे बिजली फिक्स रेट पर लेनी है, लेकिन इस कारण प्रोजेक्ट में कुछ विलंब जरुर हुआ है। कितना, यह कहना अभी मुश्किल है। – मनु श्रीवास्तव, एसीएस, विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग 

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