
इंदौर। नकली नोट छापने के मामले में 4 दिन पहले पकड़े गए आरोपियों के सरगना ने एक नया खुलासा किया है। उसने पुलिस को बताया है कि वह नोट की डिलीवरी देने के बाद सामने वाली पार्टी से नोट को हल्दी के पानी में से निकलने को कहता था।
आरोपी द्वारा अब तक यवतमाल (महाराष्ट्र), खंडवा और उज्जैन में नोटों को चलाया जा चुका है। आरोपी ने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। उसने बताया है कि वह नोटों की डिलीवरी चार्टर्ड बस की सहायता से भी करता था। जब भी सैंपल भेजना होता था तो वह शहर के बाहर बसों में पार्सल की सहायता से उन सैंपलों को भेजता था।

स्पाय कैमरा बरामद, लेकिन मेमोरी कार्ड नहीं मिले
एडिशनल डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा द्वारा बताया गया कि मार्च और अप्रैल माह में उसने 2000 के नोट चलाए थे। इसके बाद आरबीआई द्वारा नोट वापस जमा करने का समय देने के बाद 2000 के नोट छापने बंद कर दिए थे। आरोपी द्वारा 50 के नोट भी कई बार छापे गए हैं, उन्हें भी बाजारों में चलाया है।
आरोपी द्वारा यह भी पुलिस को बताया कि 500 और 100 के नोट छापने के बाद जब भी वह डिलीवरी देने जाता था तो सामने वाली पार्टी का स्टिंग ऑपरेशन करता था। पुलिस को एक स्पाय कैमरा और एक फोटो कैमरा आरोपी के पास से बरामद हुआ है, जिसमें 500 और 100 के नोट छापने के बाद वह उन्हें फोटो खींचकर रखता था। लेकिन उसके मेमोरी कार्ड बरामद नहीं हुई है।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) October 10, 2023
नोटों के डिलीवरी देते वक्त करता था स्टिंग ऑपरेशन
आरोपी द्वारा स्पाय कैमरे की सहायता से इसलिए स्टिंग किया जाता था कि सामने वाली पार्टी को कितने रुपए दिए हैं और कितना रुपया सामने वाले के पास गया है। यह वह पूरा रिकॉर्ड रखना था, लेकिन स्पाय कैमरे का मेमोरी कार्ड पुलिस को नहीं मिली है। वहीं पुलिस अब मेमोरी कार्ड की खोजबीन कर रही है।
बैंक से फाइनेंस करवाए थे प्रिंटर
आरोपी ने पुलिस को यह भी बताया कि उसका यह नोट छापने का काम बाद में शुरू हुआ। वर्ष 2003 में वह भोपाल में नकली डिमांड ड्राफ्ट बैंक के बनाता था और वर्ष 2009 में उसने देवास में फर्जी डीडी बनाकर गाड़ी भी फाइनेंस करवा ली थी। लेकिन, वह पकड़ा गया। इसके बाद आरोपी द्वारा नोट छापने का काम शुरू किया, उसने महंगे प्रिंटर बैंक से फाइनेंस करने के बाद यह प्रिंटिंग का काम शुरू किया था।
कर्ज हो गया था इसलिए शुरू किया नोट छापने का काम
पकड़ा गया मुख्य आरोपी द्वारा पुलिस को यह भी बताया गया कि वह दो बार नकली डिमांड ड्राफ्ट छापने में पकड़ा गया था। इस कारण से उसके ऊपर अधिक कर्ज हो गया था। कर्ज उतारने के लिए उसने नोट छापने का काम शुरू किया था। यदि पुलिस समय रहते आरोपी को नहीं पकड़ती तो 50 लाख के नोट बनाने का पूरा सामान उसके पास तैयार था।
बैतूल का रहने वाला है सरगना
एडिशनल डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि नकली नोट छापने वाला मुख्य सरगना राजेश बरपेते बैतूल का रहने वाला है। आरोपी के फ्लैट पर जब पुलिस ने छापेमार कार्रवाई की तो उसके यहां प्रिंटर, स्कैनर और नोट छापने का काफी सामान बरामद हुआ है। आरोपी इतना शातिर था कि एक सीरीज के नोट छापने के बाद उसे हटा दिया करता था और फिर उसे बाजार में चलाता था। वहीं आरोपी एक ही दुकान पर बार-बार नोट को चलाता था। इस कारण से मुखबिर को यह जानकारी लगी और उसने पुलिस को बताया। पुलिस द्वारा राजेश बरपेते सहित अन्य साथियों को गिरफ्तार किया है।
(इनपुट- हेमंत नागले)