
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के हालिया बयानों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। ट्रंप ने आरोप लगाया था कि अमेरिकी सरकार की एजेंसी USAID (यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) ने भारत की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के उद्देश्य से 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 174 करोड़ रुपए) का फंड आवंटित किया है। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मामले की जांच जारी है और संबंधित एजेंसियां इस पर काम कर रही हैं।
भारत सरकार ने जताई गंभीर चिंता
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मुद्दे पर बयान जारी करते हुए कहा, “हमने अमेरिकी प्रशासन द्वारा कुछ USAID गतिविधियों और फंडिंग के बारे में दी गई जानकारी देखी है। यह बेहद चिंताजनक और परेशान करने वाला है। इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की आशंका बढ़ गई है।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और विभिन्न विभागों और एजेंसियों द्वारा जांच की जा रही है। फिलहाल, इस पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।
ट्रंप ने क्या कहा था?
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में मियामी में एक भाषण के दौरान अमेरिका की USAID फंडिंग पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि जो बाइडेन प्रशासन भारत के 2024 के लोकसभा चुनावों में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रहा था।
ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “हमें भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करने की जरूरत क्यों है? मुझे लगता है कि वे किसी और को निर्वाचित करने की कोशिश कर रहे थे। इसलिए मैं इस फंडिंग को तुरंत रोक रहा हूं।”
सरकार ने कहा- जांच के बाद देंगे जानकारी
विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह मामला संवेदनशील है और इसकी गहराई से जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्दबाजी में कोई भी निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा। सरकार इस मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन से बातचीत कर सकती है और आवश्यकता पड़ने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अमेरिका-भारत संबंधों पर असर ?
डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। वर्तमान में दोनों देश व्यापार, रक्षा और तकनीक के क्षेत्र में मजबूत साझेदारी रखते हैं, लेकिन इस तरह के आरोपों से राजनयिक स्तर पर हलचल मच सकती है।
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