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102 सीट के 1625 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद, इनमें 7 पूर्व सीएम और कई केंद्रीय मंत्री भी

सबसे अधिक त्रिपुरा 80%, सबसे कम बिहार में 48% वोटिंग

नई दिल्ली। लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर मतदान शुक्रवार संपन्न हो गया। इस चरण में कुल 1625 उम्मीदवार मैदान में थे। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा 80 प्रतिशत त्रिपुरा और सबसे कम 48 प्रतिशत मतदान बिहार में हुआ। आयोग का कहना है कि सभी मतदान केंद्रों से रिपोर्ट मिलने पर मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। अंतिम आंकड़े शनिवार को फॉर्म 17ए की जांच के बाद पता चलेंगे। पहले चरण में अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा की 60 और सिक्किम की 32 सीट के लिए भी एक साथ मतदान हुआ। खास बात यह है कि पहले चरण में अलग-अलग राज्यों के 7 पूर्व मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री भी सांसद बनने के लिए ताल ठोक रहे हैं। जिनकी किस्मत ईवीएम में कैद हो गई।
7 पूर्व मुख्यमंत्रियों में बिहार की गया सीट से जीतन राम मांझी, उत्तराखंड की हरिद्वार सीट से त्रिवेंद्र सिंह रावत, अरुणाचल पश्चिम सीट
से नबाम तुकी, त्रिपुरा से बिप्लब देब, पुडुचेरी से वी. वैद्यलिंगम, तमिलनाडु से ओ. पनीरसेल्वम और असम से सर्बानंद सोनोवाल शामिल हैं।

कई केंद्रीय मंत्री भी मैदान में

केंद्रीय मंत्रियों में महाराष्ट्र की नागपुर सीट से नितिन गडकरी, उत्तर प्रदेश के मुजμफरनगर में संजीव बालियान, जेएंडके के उधमपुर से जितेंद्र सिंह, अरुणाचल पश्चिम से किरेन रिजिजू राजस्थान की बीकानेर सीट से अर्जुन राम मेघवाल और अलवरके मत्स्य क्षेत्र से भूपेंद्र यादव और तमिलनाडु के नीलगिरी से एल मुरुगन हैं।

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