
धर्मेन्द्र त्रिवेदी-ग्वालियर। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 28 देशों में निर्यात के साथ ग्वालियर के सफेद पत्थर का कारोबार 700 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष तक पहुंच गया है। हर वर्ष 35 सौ कंटेनर से अधिक पॉलिश स्टोन जहाजों के जरिए विदेश भेजा जा रहा है। विदेश जा रहे सफेद पत्थर की 90 प्रतिशत आपूर्ति अवैध खदानों से है। घाटीगांव क्षेत्र में इस बेशकीमती पत्थर की सिर्फ एक खदान वैध है। 5 खदानों की मंजूरी भोपाल में अटकी है। अवैध पत्थर के लिए कुख्यात 14 गांवों में माफिया पैरेलल कानून चला रहा है। कभी घने जंगल से आच्छादित रहे इस क्षेत्र में अब हरियाली के नाम पर झाड़िय़ां ही बची हैं। माफिया ने पहाड़ों को खोदकर गहरी खाइयों में तब्दील कर दिया है।
व्यवसायियों के अनुसार पत्थर की आवक वैध हो जाए तो व्यवसाय में और बढ़ोतरी होगी एवं गुणवत्ता भी और अच्छी हो सकेगी। घाटीगांव के भटपुरा, तिलावली, आंतरी, डांडा खिरक, भगतखोरा, खाड़ीनाला, जखौदा, सुरेहला और लोंदूपुरा सहित 14 गांव सफेद पत्थर का अवैध उत्खनन करने के लिए कुख्यात हैं। कहने को यहां पर वन चौकी है, थाने भी हैं, प्रशासन और माइनिंग टीम भी दौरा करती है, लेकिन अभी तक यहां अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लगा। जंगल में 14 किलोमीटर के रास्ते से हर दिन 15 से 20 ट्रॉली सफेद पत्थर पुरानी छावनी तक आ रहा हैं।
विदेशों में इसलिए पहचान
- सफेद पत्थर 49 प्रकार के टेस्ट में बेहतर साबित हुआ है।
- बलुआ पत्थर ग्रेनाइट और मार्बल की बजाय मौसम के हिसाब से परिवर्तित हो जाता है।
यहां सबसे ज्यादा मांग
अंचल में 300 छोटी-बड़ी पॉलिशिंग यूनिट संचालित हैं। लगभग 3500 कंटेनर सफेद पत्थर यूके, ऑस्ट्रेलिया, यूएसए, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूएई, कतर, जमर्नी, दक्षिण अफ्रीका, आयरलैंड सहित करीब 28 देशों में निर्यात किया जा रहा है।
ज्यादा खदानों से फायदा
जितनी अधिक खदानें शुरू हो जाएंगीं, उतना ही हमें फायदा होगा। ज्यादा माल आने पर हमें भी बल्क में ऑर्डर लेना आसान रहेगा। -सत्यप्रकाश शुक्ला, अध्यक्ष-स्टोन पार्क ग्वालियर इंडस्ट्रियलिस्ट एसोसिएशन
घाटीगांव में वैध उत्खनन के लिए माइनिंग विभाग में आवेदन लंबित हैं। कुछ खदानों का निराकरण अंतिम चरण में है। -प्रदीप भूरिया, माइनिंग ऑफिसर
घाटीगांव क्षेत्र में अवैध उत्खनन पर टीम कार्रवाई कर रही है। -रुचिका चौहान, कलेक्टर