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सीएम के निर्देश के बाद भी वरिष्ठ IAS अफसरों ने नहीं लगाई गांवों में चौपाल

वहीं... ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने गांव में बिताई रात

भोपाल। सतना जिले के रामपुर बघेलान निवासी सुधीर निगम बताते हैं कि जनपद पंचायत अंतर्गत पिछले छह माह से कोई भी वरिष्ठ अधिकारी गांव भ्रमण पर नहीं आया और न ही रात्रि विश्राम कर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। उनके क्षेत्र के कई ग्रामीण जमीन संबंधी विवादों से परेशान हैं। इसके बाद भी उनक कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

किसी का नामांतरण नहीं हो रहा तो कोई पेंशन नहीं मिलने को लेकर परेशान है। मंडला जिले में पदस्थ एक कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा जहां तक मुझे याद है कि पिछले छह के भीतर किसी आईएएस या आईपीएस अफसर ने ग्रामीण क्षेत्र में रात्रि विश्राम करके चौपाल नहीं लगाई है।

सीएम ने ये कहा था

मुख्यमंत्री बनते ही डॉ. मोहन यादव ने दिसंबर 2023 में अपनी शुरुआती बैठकों में आईएएस अफसरों को नसीहत दी थी कि वे गांवों में जाएं, रात्रि चौपाल लगाएं और लोगों की समस्याएं सुनकर मौके पर ही निराकरण करें। अपर मुख्य सचिव और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों को संभाग प्रभारी बनाया था। प्रभारियों से कहा गया था कि वे गांवों का दौरा करें, रात्रि में चौपाल लगाएं और जनता का कष्ट हरें। सीएम ने यह भी निर्देश दिए थे कि संभाग प्रभारी सरकार की योजनाओं की मॉनीटरिंग करें तथा पुलिस अफसर कानून व्यवस्था की स्थिति मजबूत करने पर गंभीर रहें।

अमदरा में ऊर्जा मंत्री ने सुनीं बिजली की समस्याएं

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने गुरुवार को मैहर जिले के भ्रमण के दौरान ग्राम अमदरा में जन चौपाल लगाई। उन्होंने लोगों की बिजली संबंधी समस्याएं सुनीं। ऊर्जा मंत्री ने अमदरा के सरपंच राजेश सिंह गोंड के तालाब टोला स्थित घर में रात्रि विश्राम किया। तोमर ने बताया ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली उपभोक्ताओं से फीडबैक लेने और उनकी समस्यायों के निराकरण के लिए वह ऐसी 50 जनचौपाल में शामिल होंगे। मैहर में ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा भी की।

रात्रि विश्राम के लिए सीएम की यह है मंशा

  • जमीनी हकीकत जानने का मौका मिलेगा और लोगों समस्याएं दूर होंगी।
  • पटवारी और गांव स्तर के अधिकारी-कर्मचारी जनता को आवश्यक सेवाएं दे सकेंगे।
  • संभाग स्तर पर जनता के कल्याण और योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर होगा।
  • सभी अधिकारी-कर्मचारी मुख्यालय के साथ ही फील्ड में मौजूद रहेंगे।
  • जिलों में कलेक्टर और कमिश्नर के साथ वरिष्ठ अधिकारी मॉनीटरिंग करेंगे तो कार्य बेहतर होगा।

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