न्यूयॉर्क। अरबपति बिजनेसमैन टेस्ला के मालिक एलन मस्क के न्यूरालिंक ने एक बड़ा काम करके दिखाया है। पहली बार इंसानी दिमाग में चिपसेट को इंप्लांट कर दिया। बता दें, लंबे समय से इस पर काम जारी है और सितंबर में कंपनी को यूएस फूड एंड ड्रग एडमिस्ट्रेशन की ओर से टेस्टिंग को मंजूरी मिली थी। एलन मस्क ने बताया कि न्यूरालिंक की तरफ से पहली बार इंसान के ब्रेन पर रविवार को चिप इंप्लांट की और अब उसकी हालत में सुधार हो रहा है।
अभी चल रहा है ट्रायल
अभी इस ट्रायल का मकसद वायरलेस ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस पर काम करना है। इसमें सर्जिकल रोबोट और इंप्लांट की सेफ्टी पर ध्यान दिया है। कंपनी ने इसके लिए कुछ वॉलंटियर्स का सलेक्शन किया था और उन पर इसका ट्रायल शुरू किया।
22 हजार लोगों पर लगेगी ब्रेन चिप
कंपनी का लक्ष्य 2030 तक 22 हजार लोगों पर ब्रेन चिप को इंप्लांट करने का था। साल 2016 में न्यूरालिंक कंपनी की शुरूआत हुई थी। हालांकि कई बार न्यूरालिंक पर आरोप लग चुके हैं कि वह नियमों को तोड़ रही है।
दिमाग से कंट्रोल होंगे स्मार्टफोन और कंप्यूटर
न्यूरोलिंक के प्रोडक्ट को टेलीपैथी नाम दिया है। इसको लेकर मस्क ने बताया यह उन लोगों के लिए बड़ा ही उपयोगी साबित होगा, जिनके हाथ या पैर नहीं है या फिर वह काम नहीं करते हैं। इसकी मदद से यूजर्स दिमाग से ही कंप्यूटर और स्मार्टफोन को कंट्रोल कर सकेंगे। बता दें, एलन मस्क की न्यूरोलिंक कंपनी का मकसद दिमाग और कंप्यूटर के बीच सीधे संचार चैनल बनाना है।