
अशोक गौतम-भोपाल। इस समय ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर में पानी पहुंचाने के लिए कुल 147 जल परियोजनाओं पर काम चल रहा है जिसमें से 38 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। जब बाकी परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी तो सवा करोड़ घरों तक पानी पहुंचाने करीब 1100 करोड़ की बिजली खर्च होगी। वर्तमान में ऊर्जा विभाग से पानी की सप्लाई के लिए करीब पांच रुपए प्रति यूनिट बिजली उपलब्ध कराई जाती है।
हालांकि जब ये परियोजनाएं पूर्ण हो जाएंगी तो सभी घरों में पानी तो पहुंचेगा पर लोगों पर जलकर का भार बढ़ जाएगा क्योंकि बिजली का बिल परियोजना चलाने वाली कंपनी को भरना पड़ेगा। ऐसे में ग्रामीणों पर बोझ कम करने के लिए 200 मेगावॉट के सोलर संयंत्र लगाने की तैयारी भी की जा रही है। इससे लोगों को अभी लग रहे कर में ही पर्याप्त जल मिल सके।
जलसंकट की समस्या सुलझने का एक उदाहरण
दमोह जिले के पटेरा विकासखण्ड के सैंकड़ों गांवों के लोग पीने के पानी की समस्या से परेशान थे। राज्य सरकार की समूह नल-जल योजना ग्रामीणों के लिये वरदान सिद्ध हुई है। यहां बेयर्मा नदी पर निर्मित सतधारू बांध पर आधारित दमोह पटेरा ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के तहत 75.54 एमएलडी क्षमता का इंटेकवेल बनाया गया है। इस योजना में 2500 किमी लंबी पाइप लाइन से 447 गांव के 65 हजार ग्रामीणों को घरों में पानी पहुंच रहा है। यहां ग्राम पेयजल उप समिति बनाई गई है। इस समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया है।
राहत ये भी…बिजली बोझ कम करेगा सोलर संयंत्र
बिजली का बोझ कम करने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंदसौर और राजगढ़ में सोलर संयंत्र लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए मंदसौर में बंजर भूखंड ले लिया है। ऊर्जा विभाग से पानी की सप्लाई के लिए पांच रुपए प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पंचायतों को साढ़े 6 रुपए में एक हजार लीटर पानी दे रहा है। पंचायतों और जल समितियां हर घर से प्रतिमाह 100 से लेकर 150 रुपए जल कर वसूलती है।
जलकर वसूली की स्थिति
उदयपुरा में दो तीन वर्ष से पानी की सप्लाई की जा रही है, यहां वसूली की स्थिति 47 प्रतिशत है। बेगमगंज में अभी वसूली की स्थिति नहीं बताई जा सकती है। – आरके चावला, जीएम, सीहोर मप्र जल निगम
हमारी समिति 90 फीसदी तक वसूली करती है। यह प्रयास होता है कि सौ प्रतिशत वसूली की जाए, इसके लिए लोगों को प्रेरित भी किया जाता है। प्रतिमाह प्रति घर से 100 रुपए पानी का बिल दिया जाता है। – सौरभ शर्मा, सरपंच, सतेरी गांव, जिला सीहोर
38 परियोजनाएं पूरी
घर घर जल के लिए प्रदेश में 147 परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसमें 38 परियोजनाएं पूरी हो चुकी है, इनसे जल सप्लाई हो रही है। परियोजनाओं के संचालन में 1100 करोड़ रुपए बिजली का बिल आएगा। 200 मेगावाट सोलर बिजली के संयंत्र लगाने का प्रयास कर रहे हैं। -केवीएस चौधरी, एमडी, मध्य प्रदेश जल निगम
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