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वोट प्रतिशत बढ़ाने 8 लाख मजदूर और युवाओं को बुलाने की कवायद

दूसरे राज्यों में मजदूरी करने और पढ़ाई के लिए गए युवाओं को बुलाने निर्वाचन आयोग ने लिखे पत्र

अशोक गौतम- भोपाल। काम काज की तलाश में प्रदेश से पलायन करने वाले करीब चार लाख श्रमिक और कोचिंग तथा अन्य पढ़ाई के लिए प्रदेश से बाहर जाने वाले साढ़े चार लाख से अधिक युवाओं को मतदान का अधिकार देने के लिए निर्वाचन आयोग ने पहल की है। आयोग ने उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के राज्यों को मतदान के लिए मजदूरों को सवैतनिक अवकाश देने पत्र लिखा है। मप्र की सीमा से लगे अन्य राज्यों की सरकारों को भी पत्र लिखे गए हैं। वहीं, आलीराजपुर, डिंडोरी, मंडला, सीधी, सिंगरौली, झाबुआ, धार सहित बीस आदिवासी और पिछड़े जिलों में बीएलओ को जिम्मेदारी दी गई है कि ये पलायन करने वाले श्रमिकों से फोन पर बात करें। जिला स्तर पर भी एक टीम इन राज्यों के कुछ चुनिंदा महानगरों में भेजी गई है। श्रमिकों को वापस लाने के लिए कई जिलों के कलेक्टरों का व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया है। इसके साथ ही दिवाली के तुरंत बाद ही कुछ मजदूर वापस काम पर जा सकते हैं, उन्हें भी मतदान तक रोकने की कोशिश की जा रही है।

पढ़ाई के लिए जाने वाले युवा नहीं दे पाते वोट

वर्ष 2023 के चुनाव में फर्स्ट टाइम वोटर्स की संख्या 22 लाख है। जबकि 20 से 29 वर्ष के मतदाता एक करोड़ 41 लाख हैं। इनमें से ही लगभग साढ़े चार लाख युवा अपने जिले से पढ़ने के लिए दूसरे जिलों अथवा राज्यों में जाते हैं। अकेले करीब दो लाख युवा इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे 20 पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेते हैं। इसके अलावा दो लाख युवा प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में प्रवेश और रोजगार के लिए विभिन्न शहरों में जाते हैं।

95 विधानसभा क्षेत्रों में कम मतदान हुआ था 2018 में

प्रदेश के 95 विधानसभा क्षेत्रों में वर्ष 2018 में औसत (75 फीसदी ) से कम मतदान का प्रतिशत रहा है। ये विधानसभा क्षेत्र भोपाल, ग्वालियर सहित प्रदेश के 30 जिलों में हैं।

10,397 मतदान केंद्रों में 65 प्रतिशत से कम

2018 के चुनाव में औसत मतदान 75.63 प्रतिशत था, लेकिन 10,397 मतदान केंद्रों में यह 65 प्रतिशत से कम रहा था। दस विधानसभा क्षेत्रों में तो 62 प्रतिशत से भी कम मतदान हुआ था।

सवैतनिक अवकाश दिलाएंगे

पलायन श्रमिकों को वोटिंग के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिस राज्य में वो काम कर रहे हैं उन राज्य को उन्हें एक दिन के लिए सवैतनिक अवकाश देने के लिए कहा गया है। – अनुपम राजन, सीईओ ,मप्र

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