
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 के तहत कुछ फर्मों और उनके प्रमोटरों के ऑफिस और आवासीय परिसरों पर शुक्रवार को सर्वे की कार्रवाई की। यह कार्रवाई दिल्ली, मुंबई और चेन्नई महानगरों में कुल मिलाकर 16 जगहों पर हुई। सर्च की जद में सिक्योरक्लाउड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, प्रो फिन कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड, क्वांटम ग्लोबल सिक्योरिटीज लिमिटेड (QGSL), यूनिटी ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और डेजर्ट रिवर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड आए हैं।
डिजिटल सबूत भी जब्त किए
सर्च के दौरान 1.04 करोड़ रुपए कैश, सोने और हीरे के आभूषण, 30 करोड़ रुपए से अधिक की अचल संपत्तियों की पहचान और कई डीमैट खातों में अन्य चल संपत्ति का पता चला है। प्रवर्तन निदेशालय ने यहां से कुछ डिजिटल और आपत्तिजनक सबूत की जब्ती भी की है।
2 फरवरी 2019 को दर्ज की थी FIR
केंद्रीय एजेंसी ने 2 फरवरी, 2019 को सिक्योरक्लाउड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के प्रमोटर और सीईओ सुरेश वेंकटचारी द्वारा दायर एक एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। ईडी ने कहा कि पीएमएलए जांच से पता चला है कि इन शेयर ब्रोकरेज और वित्तीय सेवा कंपनियों के निदेशकों और मालिकों ने 160 करोड़ रुपए के शेयरों को बाजार से बाहर ट्रांसफर कर दिया और बाद में बड़ी कमाई करने के लिए इन्हें बेच दिया।
जनता का पैसा दूसरी जगह लगाकर धोखेबाजी
जांच में यह भी पता चला कि एसटीएल (STL)के प्रमोटर द्वारा दर्ज की गई शिकायत भ्रामक थी, क्योंकि वह और उनके सीएफओ (CFO) कंपनी की बुक्स को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने, कंपनी के पैसे को दूसरे व्यवसाय में लगाने और जनता को धोखा देने की साजिश में शामिल थे।