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Earthquake in Punjab: पंजाब में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.2 मापी गई तीव्रता

नई दिल्ली। देश के अलग-अलग राज्यों में कुछ दिनों से लगातार भूकंप की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में पंजाब में बुधवार तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, सुबह 01:13 बजे भूकंप आया। इसका केंद्र रूपनगर में जमीन से 10 किमी नीचे था। वहीं, भूकंप के झटके लगते ही लोग अपने घरों से बाहर आ गए। फिलहाल इसमें किसी के घायल होने की जानकारी नहीं है। बताया जा रहा है कि पंजाब से सटे हिमाचल प्रदेश के कुछ जगहों पर भी झटके महसूस किए गए थे।

किश्तवाड़ में महसूस हुए थे झटके

इससे पहले मंगलवार शाम 6 बजकर 52 मिनट पर जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जिसकी तीव्रता 3.5 रही. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप मंगलवार शाम 6 बजकर 52 मिनट पर आया था। भूकंप का केंद्र अयोध्या से 215 किलोमीटर उत्तर में 10 किलोमीटर की गहराई पर था।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में आया था तेज भूकंप

वहीं सोमवार को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के कई इलाकों में 5.6 तीव्रता का भूकंप आया था। हालांकि इसमें किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं मिली। आपदा प्रबंधन कार्यालय ने यहां बताया था कि भूकंप का केंद्र नेपाल में था और शाम चार बजकर 17 मिनट पर जिले के धारचूला, डीडीहाट और बंगापानी इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हाल ही में नेपाल में आए 6.4 तीव्रता के भूकंप के कारण नेपाल में कम से कम 157 लोगों की मौत हो गई और 160 से अधिक घायल हुए थे।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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