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USA Earthquake : न्‍यू जर्सी में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 4.8 तीव्रता मापी गई, सुनामी की आशंका नहीं

न्‍यूजर्सी। पिछले कुछ दिनों से दुनिया भर के अलग-अलग इलाकों में लगातार भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस हो रहे हैं। शुक्रवार को अमेरिका के न्‍यू जर्सी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्‍टर स्‍केल पर इसकी तीव्रता 4.8 मापी गई। भूकंप के ये झटके न्‍यूयॉर्क शहर से लेकर पेंसिल्‍वेनिया तक महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र न्यू जर्सी से 18 किलोमीटर उत्तर में स्थित  प्लेनफील्ड में था। फिलहाल सुनामी के खतरे की आशंका नहीं है। इधर अमेरिका के कई शहरों में अचानक धरती हिलने के कारण आम लोगों में दहशत फैल गई।

हिल गईं इमारतें, कांपे मकान

शुक्रवार सुबह अमेरिका में स्थानीय समय सुबह लगभग 10.30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार इस अर्थक्वेक के कारण इलाके की इमारतें हिलने लगीं और मकान कांपने लगे। तकरीबन 8 सेकंड के इन झटकों से लोग घबरा गए। झटके के ये दृश्य घरों के अंदर और बाहर लगे सीसीटीवी कैंमरों में भी कैद हुए।

सोशल मीडिया पर दी भूकंप की जानकारी

न्यू जर्सी के निवासियों ने भूकंप की जानकारी एक दूसरे को सोशल मीडिया के जरिए दी। शहर के निवासियों को भूकंप का पता चलते ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर संवाद शुरू हो गया। न्यू जर्सी के निवासियों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव भी शेयर किए। गौरतलब है कि सोमवार को न्यू जर्सी में ग्रहण भी है। इस बीच फेडरल पुलिस ने स्थानीय निवासियों को मैसेज के जरिए भी अर्थक्वेक की जानकारी देते हुए किसी भी आपात स्थिति में 911 पर कॉल करने की सलाह दी। पुलिस के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार फिलहाल किसी प्रकार के नुकसान की जानकारी नहीं है।

न्यूयॉर्क और आसपास के इलाकों में ज्यादा खतरा

न्यू जर्सी और आस-पास के इलाकों में 23 अगस्त 2011 को भी एक भूकंप आया था। उसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.8 थी। यह अमेरिका के इस हिस्से में काफी कम देखा जाता है। हालांकि, लोग ऑफ्टर शॉक के बारे में सवाल कर रहे हैं लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अब इसके आसार नहीं हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि न्यू जर्सी के नजदीक स्थित न्यूयॉर्क सिटी असल में एक फॉल्टलाइन के ऊपर है और 1700 के बाद से अब तक यहां लगभग 500 बार भूकंप यहां रिकॉर्ड किए जा चुके हैं। न्यूयॉर्क में स्काई स्क्रेपर्स और मैनहट्टन के कारण भूकंप का खतरा बढ़ा है और यही कारण है कि हालात थोड़े ज्यादा चिंता करने वाले हो सकते हैं।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

  • 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
  • वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
  • 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
  • 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
  • 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
  • 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
  • 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
  • 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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