
अरुणाचल प्रदेश में बुधवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह यहां 9 बजकर 55 मिनट पर यह झटके महसूस हुए। नेशनल सेंटर फॉल सिस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 3.7 रही और इसका केंद्र पृथ्वी की 10 किलोमीटर गहराई में बसर से दक्षिण पूर्ण दिशा में था।
वेस्ट सियांग में भी आया था भूकंप
इससे पहले 10 नवंबर को अरुणाचल प्रदेश के वेस्ट सियांग में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 5.7 मापी गई थी। यह भूकंप सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर महसूस किया गया था।
Earthquake of Magnitude:3.7, Occurred on 16-11-2022, 09:55:22 IST, Lat: 27.84 & Long: 94.15, Depth: 10 Km ,Location: 55km WSW of Basar, Arunachal Pradesh, India for more information Download the BhooKamp App https://t.co/s8Ky2PUgTq@Indiametdept @ndmaindia pic.twitter.com/Pi27j4e078
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) November 16, 2022
दिल्ली में दो बार आया भूकंप
दिल्ली एनसीआर में पिछले 1 हफ्ते में 2 बार भूकंप आया। 12 नवंबर को दिल्ली-NCR और उत्तराखंड में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, बिजनौर में भूकंप के झटके लगे थे। इससे पहले 9 नवंबर को भूकंप आया था। तब भारत, चीन और नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, इनकी तीव्रता 6.3 थी। भारत में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत 7 राज्यों में भूकंप आया था। वहीं नेपाल में भूकंप से सबसे ज्यादा तबाही की खबरें सामने आई थीं, यहां 6 लोगों की मौत भी हो गई थी।
आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?
भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।
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कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
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किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है
• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।