
मध्य प्रदेश के इंदौर से 125 किमी दूर दक्षिण-पश्चिम में आज सुबह 4.53 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र निमाड़ क्षेत्र में बताया जा रहा है।
घरों से बाहर निकले लोग
भूकंप के झटके महसूस होने के बाद निमाड़ के आसपास के क्षेत्र के लोग घरों से बाहर निकल आए। कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलहाल भूकंप से किसी तरह के नुकसान या जनहानि की जानकारी सामने नहीं आई है।
जयपुर में महसूस किए गए थे भूकंप के झटके
देश में पिछले कुछ दिनों से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। इससे पहले जयपुर में 18 फरवरी की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.8 मापी गई थी। भूकंप के हल्के झटके सुबह 8 बजकर 1 मिनट पर लगे थे। इनको सीकर और फतेहपुर में भी महसूस किया गया था। लोगों को करीब 3 सेकेंड तक भूकंप के झटकों का अहसास हुआ था।
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आखिर क्यों आते हैं भूकंप?
भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
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किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है
• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में फाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।