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Earthquake In India : देश के कई हिस्सों में फिर महसूस किए गए भूकंप के झटके, असम और हरियाणा में हिली धरती; जानें कितनी रही तीव्रता

नई दिल्ली। देश के कई हिस्सों में रविवार (26 नवंबर) को भूकंप के झटके महसूस किए गए। हरियाणा और असम में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.0 थी। लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अभी किसी जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

हरियाणा में कहां आया भूकंप

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, हरियाणा के सोनीपत में सुबह करीब 4 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता तीन आंकी गई। अभी तक जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। नवंबर महीने में भूकंप का यह दूसरा झटका है।

असम में भी भूकंप के झटके

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, असम के दरंग में सुबह करीब 7:36 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी भी तीव्रता तीन आंकी गई है। भूकंप का केंद्र जमीन से 22 किलोमीटर अंदर रहा। हालांकि कहीं से भी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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