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Earthquake: जम्मू के कटरा से लेकर महाराष्ट्र के कोल्हापुर तक भूकंप के झटके, अफगानिस्तान में भी कांपी धरती; जानें कितनी रही तीव्रता

देश में आए दिन कहीं न कहीं भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। अब महाराष्ट्र से लेकर जम्मू-कश्मीर तक भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। वहीं, अफगानिस्तान के काबुल में भी धरती हिली है। हालांकि, कहीं से भी जान माल के किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

कहां कितनी तीव्रता का आया भूकंप

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में गुरुवार रात करीब 3:28 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई। भूकंप का केंद्र जम्मू क्षेत्र के कटरा इलाके से 62 किलोमीटर उत्तर पूर्व में 5 किलोमीटर की गहराई में था। बुधवार देर रात भी घाटी में दो बार भूकंप आया था।

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में भी 2:21 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई। इसका केंद्र कोल्हापुर से 171 किमी पूर्व में 10 किलोमीटर की गहराई में था।

पड़ोसी देश अफगानिस्तान में रात करीब 2 बजकर 55 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से 164 किलोमीटर उत्तर पूर्व में था। भूकंप की गहराई सतह से 80 किलोमीटर नीचे थी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में फाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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