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Earthquake Update : जम्मू-कश्मीर में 48 घंटे में चौथी बार महसूस किए गए भूकंप के झटके, कारगिल और अंडमान में भी हिली धरती

नई दिल्ली। दुनिया के अलग-अलग देशों में पिछले कुछ दिनों से भूकंप के झटक महसूस किए जा रहे हैं। इसी बीच भारत में भी कुछ जगहों पर भूकंप से धरती हिली है। जम्मू-कश्मीर में बीते 48 घंटों चौथी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहीं लद्दाख और अंडमान में भी शनिवार देर रात भूकंप आया। फिलहाल तीनों जगह भूकंप से किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है।

किश्तवाड़ में लगातार महसूस हो रहे भूकंप के झटके

जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर भूकंप के झटके से धरती हिली। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी यानी की एनसीएस के अनुसार, रविवार सुबह जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में सुबह करीब 2:47 बजे 3.5 तीव्रता का भूकंप आया। इससे पहले 5 अप्रैल को किश्तवाड़ और डोडा में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस दौरान किश्तवाड़ में आए भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2 मापी गई थी। जिसके बाद कल यानी की 6 अप्रैल को एक बार किश्तवाड़ जिले में 3.8 तीव्रता का भूकंप आया। पिछले 48 घंटे में यह जम्मू-कश्मीर में चौथा भूकंप है। लगातार आए भूकंप के कारण किश्तवाड़ के लोगों के मन में डर बैठ गया है। फिलहाल चारों भूकंप से किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

लद्दाख और अंडमान में भी हिली धरती

लद्दाख और अंडमान में भी शनिवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, लद्दाख के कारगिल जिले में शनिवार रात 11 बजे आए भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर गहराई में था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, लद्दाख में आए भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.4 मापी गई। वहीं, अंडमान में आए भूकंप की तीव्रता 4.3 बताई जा रही है।

कल दिन में दो बार आया भूकंप, लोगों में दहशत

दरअसल, जम्‍मू-कश्‍मीर के किश्‍तवाड़ और डोडा में शुक्रवार दोपहर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस दौरान किश्‍तवाड़ में भूकंप की रिक्‍टर स्‍केल पर 3.2 की तीव्रता मापी गई। हालांकि अब आए भूकंप में की बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार देर रात एक बार फिर कश्मीर की धरती हिली थी। बीती रात जम्‍मू कश्‍मीर के किश्‍तवाड़ में भूकंप की तीव्रता 3.2 आंकी गई थी। वहीं अब बार-बार आ रहे भूकंप के चलते लोगों में दहशत पैदा हो गई है।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

  • 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
  • वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
  • 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
  • 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
  • 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
  • 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
  • 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
  • 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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