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लद्दाख में कांपी धरती, महसूस हुए भूकंप के झटके; जानें कितनी रही तीव्रता

लद्दाख के लेह और कारगिल में मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने कहा कि कारगिल, लद्दाख से 191 किमी उत्तर में रिक्टर स्केल पर 4.3 की तीव्रता वाला भूकंप आया। भूकंप के झटके सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर महसूस हुए हैं। फिलहाल, अभी तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

सोलोमन द्वीप में आया भूकंप

इससे पहले मंगलवार सुबह इंडोनेशिया के बाद सोलोमन द्वीप में मलंगो के दक्षिण पश्चिम में 7.3 तीव्रता का जोरदार भूकंप महसूस किया गया। सुनामी की चेतावनी जारी की जा चुकी है। वहीं, समुद्र किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है।

इंडोनेशिया में भूकंप ने मचाई तबाही

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सोमवार को भूकंप के एक झटके में कई बड़ी इमारतें धराशाही हो गईं। भूकंप से अब तक यहां 162 लोगों की मोत हो गई। जबकि, 400 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। भूकंप की तीव्रता 5.6 रही थी। यहां कई लोग अभी भी इमारतों के मलबे में दबे हैं। इन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है।

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आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

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कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

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किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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