भोपाल

ट्रांसपरेंट लुक होने से वॉटर कलर पेंटिंग्स में छुप नहीं सकतीं कमियां, इसमें रंगों से ज्यादा होता है पानी का खेल

वॉटर कलर पेंटिंग में कलाकार के पास धैर्य व प्रैक्टिस होना जरूरी है क्योंकि इस पेंटिंग में पानी की अधिकता होने के कारण यह ट्रांसपरेंट होती है और एक छोटी सी गलती पेंटिंग में साफ झलकती है क्योंकि ऑइल और एक्रेलिक की तरह इसकी कमियों को रंगों की कई लेयर से छुपाया नहीं जा सकता इसलिए वॉटर कलर पेंटिंग की कठिन विधा माना जाता है। यह कहना है, वॉटर कलर मीडियम में पेंटिंग में काम करने वाले शहर के कलाकारों का। वहीं हर साल जुलाई महीने को वर्ल्ड वॉटर कलर मंथ के रूप में मनाया जाता है।

इस माध्यम से पता चलता है कलाकार का हुनर

वॉटर कलर में ट्रांसपेरेंसी आर्टिस्ट की स्किल्स की परिचायक होती है। इससे आर्टिस्ट का टैलेंट पता चलता है। वॉटर कलर में कभी भी कोई रंग सीधा पेपर पर नहीं लगाया जाता बल्कि दूसरे रंगों के साथ मिलाकर रंग डेवलप किया जाता है, मिसाल के तौर पर पर्शियन ब्लू और ब्राउन को मिलाकर काला रंग बनाते हैं। मैं वॉटर कलर में हेरिटेज साइट्स और प्राचीन मूर्तियों को चित्रित करता हूं क्योंकि वॉटर कलर में इसका इंपेक्ट अलग आता है। हाल में मैंने खजुराहो के मंदिर की मूर्तियों को इस विधा में चित्रित किया है। वॉटर कलर पेंटिंग की खासियत यही होती है कि यह आंखों को सुकून भरी लगती हैं। इसे तीन से चार टोन में पूरा करना होता है व इसकी अलग-अलग टेक्निक होती हैं। इस शैली में कलाकार खुद को परफेक्शन हासिल करने में सालों लग जाते हैं।

लाइट और डार्क डिस्टेंस का रखना होता है खास खयाल

मेरे पसंदीदा पेंटिंग मीडियम वॉटर कलर ही है लेकिन इसे सीखने और हाथ परफेक्ट करने में सालों लग जाते हैं। इसमें लाइट और डार्क का डिस्टेंस हो या रंगों और पानी की मात्रा का तालमेल, हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखना होता है। यह पेंटिंग हमेशा ही हैंडमेड वॉटर कलर शीट पर ही बनती है क्योंकि यह पानी को सोखती है जिसके बाद कलर की अलग-अलग लेयर से चित्र नजर आता है। एक बार में ढेर सारा रंग इस पेंटिंग में नहीं लगता, बल्कि हर एक लेयर सूखने के बाद दूसरी एप्लाई होती है जिससे इस पेंटिंग को बनाने में अन्य की अपेक्षा ज्यादा समय लगता है।

इस पेंटिंग से सीख सकते हैं धैर्य रखना, क्योंकि यह लेती है समय

मैं पेंटिंग सीख रही हूं लेकिन मुझे वॉटर कलर मीडियम पसंद है क्योंकि जिसने वॉटर कलर विधा को ठीक से सीख लिया वो एक्रेलिक व ऑइल भी जल्दी सीख सकता है। मैं फिलहाल वॉटर कलर में लैंडस्केप पेंटिंग कर रही हूं और। इसमें बहुत धैर्य और एकाग्रता रखना होती है क्योंकि इसे बनाने में समय लगता है। इस विधा में हम अपनी गलतियां भी आसानी से पता करके उन्हें सुधारने पर काम कर सकते हैं।

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