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प्रदेश में पेयजल संकट बढ़ा, 42.27 लाख ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन का इंतजार

52 में से सिर्फ दो जिलों बुरहानपुर और निवाड़ी में ही लगे हैं ‘हर घर नल कनेक्शन

पुष्पेन्द्र सिंह-भोपाल। सीहोर जिले के पठारी क्षेत्र में पेयजल संकट दिन पर दिन गहरा रहा है। यहां की आठ वर्षीय संध्या हर रोज कुएं से एक-एक बाल्टी पानी के लिए जद्दोजहद करती है। ऐसे में उसके हाथों में छाले पड़ गए हैं। पानी के फेर में उसकी पढ़ाई भी ठीक से नहीं हो पा रही। उसके गांव में अबतक नल कनेक्शन नहीं लगा है। प्रदेश में पानी के नाम की यह दर्दभरी कहानी अकेले संध्या की नहीं है बल्कि 42.27 लाख घरों को नल कनेक्शन का इंतजार है।

केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के माध्यम से वर्ष 2026 तक प्रदेश के सभी 1.11 करोड़ से अधिक घरों में नल कनेक्शन से शुद्ध पानी देने का लक्ष्य रखा है, लेकिन अबतक 69.55 लाख घरों में ही नल कनेक्शन हुए हैं। आंकड़े बता रहे कि 52 में 2 जिले बुरहानपुर और निवाड़ी ही हर घर नल कनेक्शन लगे हैं।

900 गांवों में पानी के लिए काम ही शुरू नहीं

प्रदेश के 50,997 ग्रामों में से 13,264 में हर घर कनेक्शन हुआ है जबकि 36 हजार से अधिक गांवों में काम चल रहा है। वहीं 900 गांवों में अबतक पानी पहुंचाने का काम ही शुरू नहीं हुआ है। जबकि सरकार पानी के नाम पर अबतक करीब 13 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।

बुंदेलखंड, विंध्य व आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में जलसंकट

बुंदेलखंड के पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ और सागर के कई गांवों में जल संकट है। पन्ना के रैपुरा तहसील के एक दर्जन गांवों के हैंडपंप और कुएं सूख गए हैं। 70 वर्षीय रामबाई कहती है कि एक-एक डिब्बा पानी के लिए चिलचिलाती धूप में एक-एक किलोमीटर तक आना-जाना पड़ रहा है। रीवा में कलेक्टर को बैठक में बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 10 मीटर तक जल स्तर नीचे चला गया है। अलिराजपुर, मंडला, बड़वानी, झाबुआ, देवास, अशोकनगर, भिंड, मुरैना और शिवपुरी के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गंभीर रूप ले रहा है।

छतरपुर जिला सबसे पीछे

ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में नल कनेक्शन देने में छतरपुर जिला सबसे पीछे है। यहां अबतक 37 प्रतिशत ही प्रगति है यानि 2.47 लाख में 92 हजार घरों में ही नल कनेक्शन हुए हैं।

नल कनेक्शन देने में बहुत से चैलेंज हैं, पर पूरा कर लेंगे

मार्च 2026 तक हर घर नल कनेक्शन देने का टारगेट है। दरअसल , डीआई पाइप सप्लाई कम हो रही है, ओव्हरहेड टेंक बनाने वाले एक्सपर्ट भी कम हैं। फॉरेस्ट परमिशन मिलने का बड़ा चैलेंज रहता है। फिर भी हम तय समय में हर घर में नल कनेक्शन दे देंगे। -केवीएस चौधरी, एमडी, जल निगम

सबसे कम नल कनेक्शन देने वाले पांच जिले

जिला           लक्षित घर     नल कनेक्शन हुए     कनेक्शन प्रतिशत
छतरपुर          2.47             0.92                       37.47
सिंगरौली        1.61              0.61                       38.21
अलीराजपुर    1.38              0.54                       39.37
सतना            3.73              0.50                       40.34
शिवपुरी         3.19             1.33                        41.77
घरों की संख्या लाख में (स्त्रोत-जल जीवन मिशन पोर्टल)

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