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ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ लिस्ट से भारत को रखा बाहर… कनाडा-मेक्सिको और चीन हुए शिकार, व्यापारिक घाटा कम करना चाहता है अमेरिका

वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मेक्सिको, कनाडा और चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर शनिवार को कड़े शुल्क लगाने संबंधी एक आदेश पर हस्ताक्षर किए। जिसमें कनाडा-मेक्सिको पर 25% एवं चीन पर एक्स्ट्रा 10 टैरिफ लगाया है। हालांकि उन्होंने इस दौरान भारत का नाम नहीं लिया। ट्रम्प ने कई बार ब्रिक्स देशों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। भारत, ब्राजील और चीन तीनों ब्रिक्स का हिस्सा हैं। ऐसे में भारत पर भी टैरिफ का खतरा बना हुआ था।

ट्रंप ने तीनों देशों पर अवैध फेंटेनाइल के निर्माण और निर्यात पर अंकुश लगाने तथा कनाडा और मेक्सिको पर अमेरिका में अवैध आव्रजन को रोकने का दबाव डाला। ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार में इन देशों पर शुल्क लगाने की बात कही थी और इस दिशा में कदम उठाकर उन्होंने एक प्रकार से एक वादा तो पूरा कर दिया है लेकिन इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल होने की आशंका है।

मेक्सिको और कनाडा की जवाबी कार्रवाई

‘व्हाइट हाउस’ ने शुक्रवार को कहा था कि कनाडा और मेक्सिको से आयात पर 25 प्रतिशत तथा चीन से आयात होने वाले सामानों पर 10 प्रतिशत के शुल्क शनिवार से लागू होंगे। ट्रंप के इस कदम के बाद मेक्सिको के राष्ट्रपति ने भी जवाबी कार्रवाई में टैरिफ लगाने का आदेश दिया और कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश भी अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर बदले में टैरिफ लगाएगा, वहीं चीन ने ट्रंप की कार्रवाई पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

क्यों लगाया गया टैरिफ

  1. फेंटेनाइल ड्रग्स का मुद्दा

व्हाइट हाउस के अनुसार, कनाडा, मेक्सिको और चीन के माध्यम से अमेरिका में अवैध फेंटेनाइल ड्रग्स की सप्लाई हो रही है, जिससे लाखों अमेरिकी नागरिकों की जान जा चुकी है। फेंटेनाइल एक पावरफुल सिंथेटिक ओपिओइड है, जिसका ओवरडोज इंसान कोमा में पहुंचा सकता है या उसकी मौत भी हो सकती है।

  1. अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने की कोशिश

अमेरिका का कनाडा, मेक्सिको और चीन के साथ व्यापार घाटा काफी बड़ा है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि उच्च टैरिफ लगाने से अमेरिका में ज्यादा पैसा आएगा और घरेलू उत्पादकों को फायदा मिलेगा।

अमेरिका और इन देशों के बीच व्यापारिक आंकड़े

चीन और अमेरिका का व्यापार

कुल व्यापार: 48.2 लाख करोड़ रुपए

अमेरिका से चीन को निर्यात: 12.3 लाख करोड़ रुपए

अमेरिका से चीन से आयात: 35.9 लाख करोड़ रुपए

व्यापार घाटा: 25.6 लाख करोड़ रुपए

मेक्सिको और अमेरिका का व्यापार

कुल व्यापार: 67.2 लाख करोड़ रुपए

अमेरिका से मेक्सिको को निर्यात: 27.2 लाख करोड़ रुपए

अमेरिका से मेक्सिको से आयात: 40 लाख करोड़ रुपए

व्यापार घाटा: 12.8 लाख करोड़ रुपए

कनाडा और अमेरिका का व्यापार

कुल व्यापार: 65 लाख करोड़ रुपए

अमेरिका से कनाडा को निर्यात: 29.6 लाख करोड़ रुपए

अमेरिका से कनाडा से आयात: 35.4 लाख करोड़ रुपए

व्यापार घाटा: 5.8 लाख करोड़ रुपए

कनाडा ने दी तीखी प्रतिक्रिया

कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो बोले- हम जवाब देंगे।

कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “हम ऐसा नहीं चाहते थे, लेकिन अगर अमेरिका टैरिफ बढ़ाता है, तो हम भी जवाबी कार्रवाई करेंगे।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा फ्लोरिडा के ऑरेंज जूस पर टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है।

मेक्सिको की राष्ट्रपति का कड़ा रुख

मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने कहा कि मेक्सिको हालात का विश्लेषण कर आगे की रणनीति तय करेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि, “हम अपने लोगों के सम्मान के लिए बिना किसी दबाव के बातचीत करेंगे, लेकिन जरूरत पड़ी तो हम भी जवाबी कार्रवाई करेंगे।”

चीन का विरोध, कहा- टैरिफ वॉर का कोई विजेता नहीं

चीन ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है।

चीन के सरकारी प्रवक्ता ने कहा, “इस टैरिफ वॉर में कोई विजेता नहीं होगा। इससे न तो अमेरिका को लाभ होगा और न ही वैश्विक अर्थव्यवस्था को।”

क्या कनाडा और मेक्सिको को ऑयल इंपोर्ट में मिलेगी छूट

गुरुवार को ट्रंप ने कहा था कि वह कनाडा और मेक्सिको से ऑयल इंपोर्ट पर छूट देने पर विचार कर सकते हैं। एनर्जी इन्फॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, अक्टूबर 2024 में अमेरिका ने कनाडा से हर दिन 46 लाख बैरल ऑयल और मेक्सिको से 5.63 लाख बैरल ऑयल इंपोर्ट किया था। अमेरिका का औसत दैनिक तेल उत्पादन 1.35 करोड़ बैरल था।

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का क्या होगा

अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको के बीच नॉर्थ अमेरिका फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (NAFTA) लागू है, जिसके तहत इन देशों के बीच आयात-निर्यात पर कोई टैरिफ नहीं लगाया जा सकता। ट्रंप का नया फैसला इस समझौते का उल्लंघन करता है। अगर ये टैरिफ लागू रहते हैं, तो अमेरिका को भारी कानूनी और कूटनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

किन सेक्टर्स पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?

रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप के टैरिफ वॉर का सबसे ज्यादा असर इन क्षेत्रों पर पड़ेगा।

  1. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री– गाड़ियों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
  2. कृषि क्षेत्र– एवोकाडो, चॉकलेट और अन्य फूड प्रोडक्ट्स महंगे हो सकते हैं।
  3. टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स– कंप्यूटर, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
  4. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर– कल-पुर्जे और मशीनरी महंगी हो सकती हैं।

67% अमेरिकियों को महंगाई बढ़ने की चिंता

PWC के एक सर्वे के मुताबिक, 67% अमेरिकियों को डर है कि कंपनियां टैरिफ का बोझ ग्राहकों पर डालेंगी। खिलौने, कपड़े, गहने, कारें, चॉकलेट और फूड प्रोडक्ट्स की कीमतें 1.5 गुना तक बढ़ सकती हैं।

क्या यूरोप पर भी लगेगा टैरिफ?

ट्रंप प्रशासन यूरोप से आने वाले एल्युमीनियम, कॉपर, मेडिसिन और सेमीकंडक्टर्स पर भी टैरिफ लगाने का विचार कर रहा है।

ट्रंप ने कहा, “हम स्टील, एल्युमीनियम और कॉपर पर टैरिफ लगाने जा रहे हैं। कॉपर पर टैरिफ लगाने में थोड़ा ज्यादा समय लगेगा।”

ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि टैरिफ लगाने से बाजार पर क्या असर पड़ेगा।

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