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वाराणसी लोकसभा चुनाव 2024 : श्याम रंगीला ने ऐसा क्यों कहा कि वे मोदी को समर्थन दे सकते हैं, सुनें Exclusive Interview

वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनावी लड़ने जा रहे श्याम रंगील बोले-अगर मोदीजी पर्चा खींच लें तो मैं जीत सकता हूं

नई दिल्ली(अमिताभ बुधौलिया)। कॉमेडियन श्याम रंगीला इन दिनों मीडिया की चर्चाओं में बने हुए हैं। टीवी शो-‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ के जरिये पहचान बनाने वाले श्याम रंगीला ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। मोदी की मिमिक्री करके सुर्खियां बंटोरने वाले श्याम रंगीला वैसे तो मोदी के प्रशंसक हैं। पिछले चुनाव में रंगीला ने मोदी के लिए वोट मांगे थे, मगर इस बार ऐसा क्या हुआ कि वे खिलाफ में चुनाव लड़ रहे हैं? peoplesupdate.com से एक्सक्लूसिव बातचीत में श्याम रंगीला ने बताया कि यह जानते हुए भी कि वो मोदी के आगे टिक नहीं पाएंगे, फिर भी उनके खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे हैं‌?

पर्चा उठाने का तो सवाल ही नहीं उठता, वाराणसी में मोदी वर्सेज श्याम रंगीला लड़ाई रहेगी

श्याम रंगीला ने दावा किया वे वाराणसी से किसी भी कीमत पर पर्चा नहीं खींचेंगे। उन्होंने कहा-“राणसी में अंतिम समय तक मोदी वर्सेज श्याम रंगीला लड़ाई रहेगी। पर्चा उठाने का तो सवाल ही नहीं उठता। ये मेरी गारंटी है, मोदीजी की गारंटी से ज्यादा तकड़ी गारंटी है।”

अरविंद केजरीवाल तक मोदी को टक्कर नहीं दे पाए, इस सवाल पर श्याम रंगीला तर्क देते हैं-“अरविंद केजरीवाल ने 2014 में चुनाव लड़ा था। जिस तरह से केजरीवाल ने चुनाव लड़ा और जिस तरह से मोदीजी की लहर थी, मैं भी उस लहर में शामिल था। मैंने भी तब मोदीजी के समर्थन में बहुत चीजें शेयर कीं और फैलाईं। उस समय अगर केजरीवाल जी ने वहां पे दो-ढाई लाख वोट प्राप्त किए। अगर केजरीवालजी जेल में नहीं होते और वाराणसी से चुनाव लड़ते; तो जीत पक्की थी।

कितनी खराब बात है कि लोग एक कॉमेडियन ये उम्मीद बांधे बैठे हैं

वाराणसी लोकसभा सीट 2014 से केंद्र की राजनीति का सेंटर पॉइंट बनी हुई है। यहां से पीएम मोदी लगातार 2 बार चुनाव जीत चुके हैं। श्याम रंगीला चंडीगढ़ के सीएम भगवंत मान और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की का जिक्र करते हुए कहते हैं-“लोकतंत्र में यह कितनी खराब बात है कि लोग एक कॉमेडियन से उम्मीद बनाए बैठे हैं। राजनीति में भी देखिए कितनी कॉमेडी हो रही है।”

श्याम रंगीला कहते हैं-“चुनाव लड़ने के फैसले के बाद मुझे कोई धमकी तो नहीं मिली, हां लोग प्रोत्साहित अवश्य कर रहे हैं। वाराणसी की 2-3 लोकल पार्टियां मुझे समर्थन देना चाहती हैं। हालांकि हम निर्दलीय ही डटे रहेंगे।”

मोदी जी अगर पर्चा खींच लें, तो मैं वाराणसी से चुनाव जीत सकता हूं

जैसा सूरत में हुआ, इंदौर में हुआ…वाराणसी में श्याम रंगीला के साथ भी वही हुआ तो? इस सवाल पर श्याम रंगीला हंसने लगते हैं-‘अगर मोदीजी पर्चा खींच लें, तो ही मैं वारणसी से चुनाव जीत सकता हूं। कोई भी पार्टी का नेता अपना पर्चा वापस ले सकता है, समर्थन दे सकता है, लेकिन मैं पर्चा वापस नहीं लूंगा। मैं मोदीजी को समर्थन दे सकता हूं, लेकिन मेरा नाम वोटिंग मशीन पर जरूर रहेगा। मैं मोदी जी को समर्थन इसलिए भी दे सकता हूं कि मुझे इससे कोई प्रॉब्लम नहीं है कि वो 450 सीटें लाएं, 400 लाएं या 500 लाएं। मेरा मुकाबला मोदी जी या उनकी सीटों से नहीं है। मेरा मुकाबला है कि जो लोकतंत्र के अंदर वोटिंग का अधिकार छीना जा रहा है, उससे है।’

वाराणसी से मोदी के खिलाफ ही क्यों चुनाव लड़ेंगे श्याम रंगीला?

श्याम रंगीला सूरत के बाद इंदौर में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ विपक्षी प्रत्याशियों के सरेंडर करने से खफा हैं। वे चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद को लेकर भी भाजपा से नाराज चल रहे हैं। टेलिफोनिक इंटरव्यू में श्याम रंगीला ने कहा-‘जब मैं सूरत के मुद्दे पर कॉमेडी बना रहा था, तब वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया। उससे पहले चंडीगढ़ में भी ऐसा ही हो चुका है। जब मैंने चंडीगढ़ के बाद सूरत में भी यही देखा, तो पीड़ा हुई। जब इंदौर में भी ऐसा ही हुआ, तो महसूस किया कि भाजपा के नारे-अबकी बार 400 पार के लिए पता नहीं कहां-कहां दूसरे कैंडिडेट्स भाजपा को समर्थन दे देंगे। बस तभी विचार आया कि क्यों न में वाराणसी से पर्चा भर दूं, ताकि कम से कम मोदीजी निर्विरोध न जीतें। इस सीट से यही मैसेज जाएगा कि देश में जो हो रहा है, वो नहीं होना चाहिए।’

कौन हैं मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे कॉमेडियन श्याम रंगीला?

श्याम रंगीला रंग-रंगीले राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा तहसील के तहत आने वाले गांव मानकथेरी के रहने वाले हैं। इनका असली नाम श्याम सुंदर है, मगर अब इन्हें लोग श्याम रंगीला के नाम से ही जानते हैं। 25 अगस्त 1994 को जन्मे श्याम रंगीला स्कूल-कॉलेज के दिनों से ही कॉमेडी करते आ रहे हैं।

टीवी शो-‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’में अपने धांसू अंदाज के चलते श्याम रंगीला घर-घर तक लोकप्रिय हुए। अब श्याम रंगीला सोशल मीडिया पर कॉमेडी और मिमिक्री के वीडियोज शेयर करते हैं। श्याम रंगीला 2022 में आम आदमी पार्टी में भी शामिल हुए थे, हालांकि वहां उन्हें मजा नहीं आया और फिर स्वतंत्र नेता के तौर पर राजनीति में सक्रिय हो गए।

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