अंतर्राष्ट्रीयताजा खबर

पृथ्वी को ठंडा करेगा हीरे का चूर्ण

ईटीएच ज्यूरिख विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया दावा

ज्यूरिख।  ग्लोबल वार्मिंग को रोकने वैज्ञानिक कई उपाय कर रहे हैं। इसबीच स्विट्जरलैंड के ज्यूरिक में स्थित ईटीएच ज्यूरिख विवि के मौसम विज्ञानियों ने सुझाया है कि पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में हर साल लाखों टन हीरे के चूर्ण का छिड़काव करने से पृथ्वी को ठंडा रखने में मदद मिल सकती है। शोध ईटीएच ज्यूरिख के जलवायु विज्ञानी सैंड्रो वट्टियोनी और उनकी टीम ने किया।

सल्फर ऑक्साइड से अम्लीय वर्षा का खतरा:

वैज्ञानिक लंबे समय से पृथ्वी को ठंडा करने एसएआई विधि पर काम कर रहे हैं। इसमें वायुमंडल में एरोसोल को इंजेक्ट किया जाता है। इसके लिए सल्फर डाइआॅक्साइड बेहतर होती है, लेकिन इससे दुनिया भर में अम्लीय वर्षा होती, जो ओजोन परत को नुकसान पहुंचा सकता है।

वैज्ञानिकों ने अपनाया 3डी क्लाइमेट मॉडल

वैज्ञानिकों ने 3ऊक्लाइमेट मॉडल बनाकर उसमें विभिन्न तरह के एरोसॉल जोड़कर देखे। वैज्ञानिकों का मानना है कि कुछ सौ खरब डॉलर मूल्य के हीरे के नैनो पार्टिकल्स से यह काम हो सकता है। रिसर्च टीम के अनुसार, न केवल हीरे का प्रत्येक कण पर्याप्त समय तक हवा में रहकर अपना काम करेगा, बल्कि वे आपस में चिपकेंगे भी नहीं और न ही वे विषाक्त पदार्थ बनाएंगे, जिसकी वजह से अम्लीय वर्षा होती है।

संबंधित खबरें...

Back to top button